रंजना मिश्रा
वैश्विक विकास एक जटिल और बहुआयामी प्रक्रिया है, जिसे किसी एक देश द्वारा अकेले पूरा नहीं किया जा सकता। इसमें विभिन्न देशों और क्षेत्रों की भागीदारी तथा सहयोग की आवश्यकता होती है। देशों के बीच सहयोग से संसाधनों का साझाकरण किया जा सकता है। इससे विकास संबंधी गतिविधियों को बढ़ावा देने और अधिक लोगों को लाभान्वित करने में मदद मिलती है।
विकास को बढ़ावा देने और लोगों के जीवन को बेहतर बनाने में सूचना प्रौद्योगिकी काफी मददगार साबित हो सकती है। इसका उपयोग शिक्षा को अधिक सुलभ और प्रभावी बनाने के लिए किया जा सकता है। यह छात्रों को दूरस्थ शिक्षा कार्यक्रमों में भाग लेने, आनलाइन पाठ्यक्रमों तक पहुंच बढ़ाने तथा अन्य छात्रों और शिक्षकों के साथ संवाद करने में मदद कर सकती है। इससे शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हो सकता है।
सूचना और संचार प्रौद्योगिकी का उपयोग स्वास्थ्य देखभाल को अधिक सुलभ और प्रभावी बनाने के लिए भी किया जा सकता है। इनके जरिए डाक्टर रोगियों को दूरस्थ परामर्श और आनलाइन स्वास्थ्य जानकारी प्रदान कर स्वास्थ्य देखभाल को बेहतर ढंग से प्रबंधित करने में मदद कर सकते हैं। इससे स्वास्थ्य सेवा की लागत कम होगी। इसका उपयोग व्यवसायों को अधिक कुशल और उत्पादक बनाने के लिए किया जा सकता है।
यह ग्राहकों के साथ संवाद के नए तरीके प्रदान कर व्यवसायों को नए बाजारों तक पहुंचने में मदद कर सकती है। इससे आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। इसका उपयोग सरकारी सेवाओं को अधिक सुलभ और पारदर्शी बनाने के लिए भी किया जा सकता है। इस प्रकार सूचना और संचार प्रौद्योगिकियां विकास को बढ़ावा देने के लिए एक शक्तिशाली उपकरण साबित हो सकती हैं।
विकास गतिविधियों में प्राकृतिक संसाधनों के दुरुपयोग तथा अत्यधिक दोहन से बचना जरूरी है। इनके दोहन से पर्यावरण और जैव विविधता को नुकसान पहुंचता है। इससे जल, वायु और भूमि प्रदूषित होती, पौधों और जानवरों की प्रजातियां विलुप्त हो सकती हैं। प्राकृतिक संसाधनों के दोहन से जलवायु परिवर्तन होता है।
इससे बचने के लिए विकास की कोई भी गतिविधि शुरू करने से पहले पर्यावरणीय प्रभाव आकलन (ईआइए) किया जाना चाहिए। इसमें उस गतिविधि के संभावित पर्यावरणीय प्रभावों का आकलन किया जाता है। विकास की गतिविधियां सतत विकास सिद्धांतों के अनुरूप होनी चाहिए। सतत विकास का अर्थ है ऐसी विकास गतिविधियां, जो वर्तमान पीढ़ी की आवश्यकताओं को पूरा करते हुए भावी पीढ़ियों के लिए भी संसाधनों को संरक्षित करें। पर्यावरण अनुकूल प्रौद्योगिकियों के उपयोग से पर्यावरण पर दबाव कम किया जा सकता है। इसके लिए सरकार, व्यवसाय, नागरिक और समाज सभी को मिलकर काम करने की जरूरत है, ताकि विकास को पर्यावरण के अनुकूल बनाया जा सके।
वैश्विक विकास के लिए देशों के बीच शांति बहुत आवश्यक है। शांतिपूर्ण वातावरण में ही विकास की गतिविधियों को सुचारु रूप से चलाया जा सकता है। युद्ध और संघर्ष में लाखों लोग मारे जाते और घायल होते हैं। इससे विकास में लगे लोगों और संसाधनों का नुकसान होता और विकास में बाधा उत्पन्न होती है। युद्ध और संघर्ष से अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचता है, जिससे विकास के लिए आवश्यक निवेश और व्यापार प्रभावित होता है।
शांतिपूर्ण वातावरण में मानव विकास के लिए अनुकूल परिस्थितियां बनती हैं। इससे लोगों को शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और अन्य बुनियादी सुविधाओं तक पहुंच सुनिश्चित होती है। शांतिपूर्ण वातावरण में ही लोगों के बीच सद्भाव और सहयोग बढ़ता है, जिससे सामाजिक विकास संभव है।
वैश्विक विकास के लिए मानव जाति को अपने संकीर्ण स्वार्थों से ऊपर उठकर यह समझना चाहिए कि हम सब एक ही ग्रह पर रहते हैं और हमारे हित एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। इसलिए हमें सार्वभौमिक मूल्यों और सिद्धांतों को अपनाना चाहिए, जैसे कि शांति, न्याय, समानता और पर्यावरण संरक्षण। वैश्विक विकास के लिए, विभिन्न देशों के बीच शांति और सहयोग आवश्यक है।
हमें अपने मतभेदों को दूर करने और एक साथ काम करने के लिए एक मंच बनाने की आवश्यकता है। संघर्षों को हल करने और एक सुरक्षित तथा स्थिर दुनिया बनाने के लिए काम करने की जरूरत है। इन बातों को ध्यान में रखकर, मानव जाति वैश्विक विकास की चुनौतियों का समाधान करने और एक बेहतर भविष्य बनाने के लिए एक साथ मिलकर काम कर सकती है।
वैश्विक विकास का सबसे महत्त्वपूर्ण लक्ष्य गरीबी और असमानता को कम करना है। आज भी दुनिया में लाखों लोग गरीबी में जी रहे हैं और असमानता एक गंभीर समस्या है। उन लोगों के लिए अवसर पैदा करने की जरूरत है, जो सबसे पीछे हैं। पर्यावरणीय चुनौतियां, जैसे कि जलवायु परिवर्तन, वैश्विक विकास में बड़ी बाधा हैं। ये चुनौतियां विकासशील देशों को सबसे अधिक प्रभावित करती हैं।
संघर्ष और हिंसा वैश्विक विकास में बाधा डालती हैं। ये संघर्ष विकास के प्रयासों को बाधित और लोगों को अपने जीवन को बेहतर बनाने के अवसरों से वंचित करते हैं। वैश्विक विकास के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग आवश्यक है। हालांकि, अक्सर देशों के बीच मतभेद होते हैं, जो सहयोग को बाधित करते हैं। तकनीकी चुनौतियां भी वैश्विक विकास में बाधा डाल सकती हैं।
उदाहरण के लिए, नवाचार और अनुसंधान के लिए धन की कमी एक समस्या हो सकती है। इन बाधाओं को दूर करने के लिए, हमें गरीबों के लिए अवसर पैदा करने और समानता को बढ़ावा देने के लिए काम करने की जरूरत है। हमें अपने मतभेदों को दूर करने और एक साथ काम करने के लिए एक मंच बनाने की आवश्यकता है। हमें नवाचार और अनुसंधान के लिए धन जुटाने और तकनीकी प्रगति को बढ़ावा देने के लिए काम करने की जरूरत है। इन उपायों को लागू करके, हम वैश्विक विकास की चुनौतियों का समाधान कर और एक बेहतर भविष्य बना सकते हैं।
इस बार के जी20 की विषय-वस्तु ‘एक पृथ्वी, एक परिवार और एक भविष्य’ रखी गई थी। यह प्राचीन भारतीय दर्शन से प्रेरित है, जिसमें वसुधैव कुटुम्बकम की अवधारणा शामिल है। इसका अर्थ है कि पूरी दुनिया एक परिवार है। ‘एक पृथ्वी, एक परिवार और एक भविष्य’ का नारा इस विचार को आगे बढ़ाता है कि हम सभी एक ही पृथ्वी पर रहते हैं और हमें एक साथ मिलकर काम करना चाहिए, ताकि यह ग्रह स्वस्थ और टिकाऊ बना रहे।
इसी प्रकार भारत ने ‘एक सूर्य, एक दुनिया और एक ग्रिड’ के संकल्प के साथ अक्षय ऊर्जा क्रांति का भी आह्वान किया था। इस योजना का लक्ष्य क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक-दूसरे से जुड़े ‘ग्रीन ग्रिड’ की स्थापना के माध्यम से विभिन्न देशों के बीच ऊर्जा साझा करने तथा ऊर्जा आपूर्ति में संतुलन स्थापित करने का प्रयास करना है।
वैश्विक विकास एक जटिल और बहुआयामी प्रक्रिया है, जिसे किसी एक देश द्वारा अकेले पूरा नहीं किया जा सकता। इसमें विभिन्न देशों और क्षेत्रों की भागीदारी तथा सहयोग की आवश्यकता होती है। देशों के बीच सहयोग से संसाधनों का साझाकरण किया जा सकता है। इससे विकास संबंधी गतिविधियों को बढ़ावा देने और अधिक लोगों को लाभान्वित करने में मदद मिलती है।
देशों के बीच सहयोग से प्रौद्योगिकी का हस्तांतरण किया जा सकता है। इससे विकासशील देशों की विकास संबंधी आवश्यक प्रौद्योगिकियों तक पहुंच बनती है। देशों के बीच सहयोग से अंतरराष्ट्रीय व्यापार को बढ़ावा मिलता है। आपसी सहयोग से सभी देशों को अपने संसाधनों को संरक्षित करने और पर्यावरण को नुकसान से बचाने में मदद मिलती है।
देशों के बीच संधि और समझौते करके सहयोग को मजबूत किया जा सकता है। सांस्कृतिक आदान-प्रदान करके देशों के बीच समझ और विश्वास को बढ़ाया जा सकता है। इससे देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा मिलता है। हालांकि देशों के बीच शांति और सहयोग बनाए रखना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है, लेकिन यह वैश्विक विकास के लिए आवश्यक है। सभी देशों को मिलकर काम करना चाहिए तभी वैश्विक विकास से एक बेहतर भविष्य का निर्माण हो सकता है।