कविता जोशी
देश में मौजूद प्राचीन पुरातात्त्विक स्थलों पर होने वाली खुदाई के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) ने एक अनोखी पहल की शुरुआत की है। इसमें उसकी ओर से एक दीर्घकालिक विजन दस्तावेज तैयार किया जा रहा है।
केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि पहली बार एएसआइ किसी विजन दस्तावेज के जरिए आगामी कुछ वर्षों की अवधि को आधार बनाकर देश में मौजूद पुरातात्त्विक स्थलों को सूचीबद्ध करेगा। तदोपरांत वहां खुदाई की योजना पर काम करेगा। इसके लिए देश में अलग-अलग जगहों पर कार्यशालाओं का आयोजन भी हो रहा है।
इनमें एएसआइ के अलावा राज्यों के पुरातत्व सर्वेक्षण के अधिकारी, विशेषज्ञ, पुरातत्वविद, विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधि और विषय विशेषज्ञ भाग ले रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि विजन दस्तावेज तैयार करने की पूरी प्रक्रिया प्रधानमंत्री कार्यालय से जुड़े क्षमता विकास आयोग के निर्देश के बाद ली गई है।
विजन दस्तावेज को तैयार करने के लिए एएसआइ देश को पांच भागों में बांटकर कार्यशालाओं का आयोजन कर रही है। पहली कार्यशाला केंद्रीय क्षेत्र की हुई, जिसका आयोजन पिछले अक्तूबर माह में मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में किया गया था। इसके बाद पूर्वी क्षेत्र की कार्यशाला का आयोजन ओडिशा के भुवनेश्वर में हुआ, दक्षिणी क्षेत्र की कार्यशाला कोच्चि में हुई और अब उत्तरी क्षेत्र की कार्यशाला का आयोजन 3 और 4 नवंबर को श्रीनगर में किया जाएगा।