दिल्ली की वायु गुणवत्ता शुक्रवार सुबह अत्यधिक गंभीर श्रेणी में चली गयी। जिसके बाद दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर और GRAP-3 उपायों के सख्त कार्यान्वयन के मुद्दे पर सचिवालय में सभी संबंधित विभागों के साथ एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। इस दौरान गोपाल राय ने कहा कि न केवल दिल्ली बल्कि पूरे उत्तर भारत में यही स्थिति है।
गोपाल राय ने कहा, “पूरा उत्तर भारत वायु प्रदूषण की चपेट में है, सभी सरकारों को एक साथ मिलकर काम करने की आवश्यकता है। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री से हाथ जोड़कर अपील है कि अब सक्रिय हो जाएं।” दिल्ली के पर्यावरण मंत्री ने कहा कि भाजपा दिल्ली में वायु प्रदूषण के लिए अरविंद केजरीवाल को जिम्मेदार ठहरा रही है लेकिन उत्तर प्रदेश, हरियाणा में खराब वायु गुणवत्ता के लिए वह जिम्मेदार नहीं हैं।
बढ़ते पल्यूशन को देखते हुए दिल्ली सरकार ने 14 कामों पर रोक लगा दी है। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसकी जानकारी दी है। इसके तहत बोरिंग-ड्रिलिंग कार्यों सहित खुदाई और भराई के लिए मिट्टी के काम पर रोक है। निर्माण और बिल्डिंग संचालन सहित सभी निर्माण कार्य पर रोक। विध्वंस कार्यों पर रोक है। परियोजना स्थल के भीतर या बाहर कहीं भी निर्माण संबंधी सामग्री की लोडिंग-अनलोडिंग पर रोक। कच्चे माल के स्थानांतरण पर रोक है। कच्ची सड़कों पर वाहनों की आवाजाही पर रोक। टाइल्स, पत्थरों और अन्य फर्श सामग्रियों को काटने और ठीक करने पर रोक है। पेंटिंग और पॉलिशिंग कार्यों पर रोक के साथ-साथ सड़क निर्माण, मरम्मत कार्य जिसमें फुटपाथ और रास्ते आते हैं उन्हें पक्का करने पर रोक है।
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण पर नियंत्रण के वास्ते रणनीतियां बनाने के लिए जिम्मेदार वैधानिक निकाय सीएक्यूएम ने बृहस्पतिवार को अनावश्यक निर्माण कार्य और प्रदूषण फैला रहे वाहनों की कुछ श्रेणियों पर प्रतिबंध का आदेश दिया। बहरहाल, उसने अभी दिल्ली तथा एनसीआर राज्यों से सभी आपात उपायों को लागू करने के लिए नहीं कहा है जिसमें सरकारी और निजी कार्यालयों के लिए घर से काम करने के निर्देश भी शामिल हैं। चरणबद्ध प्रतिक्रिया कार्य योजना (GRAP) के अंतिम (चौथे) चरण के तहत दूसरे राज्यों के केवल सीएनजी, इलेक्ट्रिक और बीएस-4 वाहनों को दिल्ली में प्रवेश की अनुमति दी जाती है। इसमें आवश्यक सेवाओं वाले वाहनों को छूट दी जाती है।
वायु गुणवत्ता का संकट केवल दिल्ली तक सीमित नहीं है। पड़ोसी हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के कई शहरों में भी वायु गुणवत्ता हानिकारक स्तर पर दर्ज की गयी है। इन शहरों में राजस्थान में हनुमानगढ़ (401), भिवाड़ी (379) और श्री गंगानगर (390), हरियाणा में हिसार (454), फतेहाबाद (410), जींद (456), रोहतक (427), बल्लभगढ़ (390), बहादुरगढ़ (377), सोनीपत (458), कुरुक्षेत्र (333), करनाल (345), कैथल (369), भिवानी (365), फरीदाबाद (448) और गुरुग्राम (366) तथा उत्तर प्रदेश में गाजियाबाद (414), बागपत (425), मेरठ (375), नोएडा (436) और ग्रेटर नोएडा (478) शामिल हैं।
प्रदूषण नियंत्रण योजना के तीसरे चरण को लागू करते हुए सीएक्यूएम ने बृहस्पतिवार को क्षेत्र में गैर-जरूरी निर्माण कार्य, पत्थर तोड़ने और खनन पर तत्काल प्रतिबंध लगा दिया। दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और गौतम बुद्ध नगर में बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल वाहनों पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। दिल्ली सरकार ने स्वास्थ्य के लिए खतरनाक प्रदूषण से बच्चों की सुरक्षा करने की कवायद के तहत सभी प्राइमरी स्कूलों को दो दिन के लिए बंद करने की भी घोषणा की है। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने स्थिति की समीक्षा करने के लिए शुक्रवार को एक आपात बैठक बुलायी। सीएक्यूएम ने कहा है कि अत्यधिक प्रतिकूल मौसम और जलवायु संबंधी परिस्थितियों के कारण प्रदूषण स्तर और बढ़ने की आशंका है।