राजधानी में प्रदूषण का स्तर इस सीजन में पहली बार गुरुवार को गंभीर श्रेणी में पहुंच गया है। माना जा रहा है कि प्रदूषण अभी और ज्यादा बढ़ने वाला है। सीएम अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal ) घोषणा की है कि दिल्ली के सभी सरकारी और निजी प्राथमिक विद्यालय अगले दो दिन तक बंद रहेंगे। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के मुताबिक यह स्तर वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में माना जाता है। लोधी रोड इलाके में AQI 438, जहांगीरपुरी में 491, आरके पुरम इलाके में 486 और आईजीआई एयरपोर्ट (टी3) के आसपास 473 है।
Air quality across Delhi deteriorates to Severe category as per Central Pollution Control Board (CPCB).
AQI in Lodhi Road area at 438, in Jahangirpuri at 491, in RK Puram area at 486 and around IGI Airport (T3) 473 pic.twitter.com/EXV0Pq3Rnl
दिल्ली का AQI गंभीर हो चुका है। आम लोगों को सांस लेने, आंखों में जलन, सीने में दर्द जैसी शिकायत सामने आ रही है। वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि हवा की गुणवत्ता में और गिरावट आएगी। गुरुवार रात 10 बजे, AQI गिरकर 422 पर पहुंच गया था जो इस सीज़न का सबसे खराब स्तर है। 24 घंटे का औसत AQI बुधवार को 364, मंगलवार को 359, सोमवार को 347, रविवार को 325, शनिवार को 304 और शुक्रवार को 261 था। पुणे में Indian Institute of Tropical Meteorology संस्थान के एक अध्ययन से पता चला है कि गुरुवार को दिल्ली में प्रदूषण में पराली जलाने से निकलने वाले धुएं की हिस्सेदारी 25% रही है और यह आज 35 फीसदी तक पहुंच सकती है। अक्टूबर 2023 में दिल्ली की वायु गुणवत्ता 2020 के बाद से सबसे खराब थी और इस साल अक्टूबर ज्यादा बारिश भी नहीं हुई है इसलिए हालात और ज्यादा खराब होने वाले हैं।
दिल्ली का वायु प्रदूषण 1 नवंबर से 15 नवंबर के बीच हर साल खतरनाक हो जाता है। इसमें अहम वजह पंजाब और हरियाणा के किसानों द्वारा पराली जलाना माना जाता है। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने बताया कि इस साल 15 सितंबर के बाद से पंजाब और हरियाणा दोनों में पराली जलाने की घटनाओं में कमी आई है लेकिन पिछले कुछ दिनों में इसमें काफी बढ़ोतरी हुई है।