गाजा में जारी इजरायल के हमले के बाद जॉर्डन ने भी बड़ा कदम उठाया है। अमेरिका के एक अहम सहयोगी जॉर्डन ने इजरायल से अपना राजदूत वापस बुला लिया है। इतना ही नहीं जॉर्डन ने इजरायल के राजदूत को भी अपने देश से बाहर जाने को कह दिया है। जॉर्डन के विदेश मंत्री की ओर से कहा गया कि गाजा पर उग्र इजरायली युद्ध की अस्वीकृति और निंदा की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि इजरायल निर्दोष लोगों को मार रहा है। जॉर्डन ने इजरायल के विदेश मंत्रालय से कहा है कि वह अपने राजदूत रोजेल रचमन को बता दें कि वे वापस अम्मान न लौटें।
जॉर्डन की ओर से बयान आया है कि राजदूतों की वापसी इजरायल द्वारा गाजा पर अपना युद्ध रोकने और उसके कारण होने वाली मानवीय तबाही और उसके सभी कदमों को रोकने से जुड़ी होगी, जो अपनी जमीन पर सुरक्षित और स्थिर रहने के लिए फिलिस्तीनियों को उनके भोजन, पानी, दवा और उनके अधिकार से वंचित करते हैं। दूसरी तरफ इजरायल की ओर से भी इस बयान पर प्रतिक्रिया सामने आई है। इजरायली विदेश मंत्री के प्रवक्ता लियोर हयात की ओर से सोशल प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा गया कि उन्हें इस फैसले पर “खेद” है।
जॉर्डन की ओर से इजरायल-हमास युद्ध को लेकर संयुक्त राष्ट्र में एक प्रस्ताव लाया गया है। हालांकि भारत इस प्रस्ताव से दूर रहा। हालांकि जॉर्डन को भरोसा है कि इजरायल-हमास जंग में भारत का रोल अहम होगा। जॉर्डन की ओर से पेश किए गए प्रस्ताव पर संयुक्त राष्ट्र महासभा में मतदान से भारत के दूर रहा था। अब इसके बाद दिल्ली में अम्मान के राजदूत मोहम्मद अल कायद ने कहा कि भारत का कॉल एक संप्रभु निर्णय था और जॉर्डन इसका सम्मान करता है। हालांकि उन्हें यकीन है कि इस युद्ध को खत्म करने में भारत की अहम भूमिका होगी।
बता दें कि इजरायल की ओर से हमास के ठिकानों पर लगातार हमले जारी हैं। इस जंग में दोनों ओर से मरने वालों की आंकड़ा 10 हजार के पास हो गया है। अल जजीरा की इस रिपोर्ट के मुताबिक हमास के हमले में 1400 से अधिक लोगों की मौत हुई थी। इसके बाद इजरायल की ओर से जारी हमलों में अब तक 8,796 फिलिस्तीनी मारे गए हैं।
इनपुट-एजेंसी