IT मंत्रालय ने iPhone Hack से जुड़े मामले में एप्पल को नोटिस भेजा है। आईटी मंत्रालय ने नोटिस भेजकर ऐप्पल से ‘राज्य प्रायोजित’ हमले के आरोपों को लेकर जवाब मांगा है। सरकार ने ऐप्पल से पूछा है कि वो कैसे इस नतीजे पर पहुंचे कि यह ‘राज्य प्रायोजित’ हमला है। IT सचिव एस कृष्णन ने गुरुवार को कहा कि विपक्षी दलों के सांसदों ने एप्पल की ओर से उन्हें भेजे गए चेतावनी के संदेश का जो मुद्दा उठाया था उसकी जांच CERT-In ने शुरू कर दी है। उन्होंने बताया कि इस सिलिसले में कंपनी को नोटिस भी भेजा गया है।
IT सचिव एस कृष्णन ने गुरुवार को कहा कि विपक्षी दलों के सांसदों ने एप्पल की ओर से उन्हें भेजे गए चेतावनी के संदेश का जो मुद्दा उठाया था उसकी जांच CERT-In ने शुरू कर दी है। उन्होंने बताया कि इस सिलिसले में कंपनी को नोटिस भी भेजा गया है। CERT-In कम्प्यूटर सिक्योरिटी मामलों पर प्रतिक्रिया देने वाली नेशनल नोडल एजेंसी है।
आपोक बता दें कि विपक्ष के कई नेताओं ने मंगलवार को दावा किया था कि उन्हें उनके आईफोन में ‘सरकार प्रायोजित सेंधमारी के प्रयास’ के बारे में एप्पल से चेतावनी संदेश मिला है। उन्होंने इस कथित हैकिंग के प्रयास के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया था।
मंगलवार को विपक्षी नेताओं द्वारा लगाए गए आरोपों की सरकार की तरफ से तुरंत ही खारिज कर दिया गया। IT मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि सरकार आरोपों की गहन जांच कराएगी। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पार्टी नेता केसी वेणुगोपाल, शशि थरूर, पवन खेड़ा, सुप्रिया श्रीनेत एवं टी एस सिंहदेव, शिवसेना (यूबीटी) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी, तृणमूल कांग्रेस की महुआ मोइत्रा, आम आदमी पार्टी (आप) के राघव चड्ढा, माकपा महासचिव सीताराम येचुरी, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ‘राज्य प्रायोजित हमले’ वाला संदेश मिलने का दावा किया था।