अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि प्राणप्रतिष्ठा 22 जनवरी, 2024 को होगी और इसके साथ ही देश भर के पांच लाख से अधिक मंदिर में आयोजित होंगे विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। इसी दिन शाम को घर-घर में दीपक भी जलाए जाएंगे। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के मीडिया प्रभारी शरद शर्मा ने बताया कि पांच नवंबर को ‘अक्षत पूजा’ की जाएगी और इसके लिए देश भर से 200 लोगों को अयोध्या बुलाया गया है।
उन्होंने बताया कि ‘अक्षत पूजा’ के लिए पीसी हुई हल्दी और घी को इस्तेमाल होने वाले चावल के साथ मिलाया जाएगा और फिर उसे पीतल के अनेक कलशों में रखा जाएगा। उन्होंने बताया कि इन कलशों को पांच नवंबर को होने वाली पूजा के दौरान भगवान राम के दरबार के सामने रखा जाएगा और फिर इसे विश्व हिंदू परिषद (विहिप) द्वारा वितरित किया जाएगा।
शर्मा ने बताया कि हर प्रतिनिधि को पांच किलोग्राम पूजित अक्षत दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रतिनिधि अपनी जरूरत के मुताबिक इसे अपने-अपने मंदिरों में पूजा कर जिलों के प्रतिनिधियों को देंगे एवं यही प्रक्रिया हर खंड, तहसील और गांव में की जाएगी। उन्होंने बताया कि अगले साल एक जनवरी से 15 जनवरी तक भारत के पांच लाख मंदिरों में पूजित अक्षत वितरित किया जाएगा।
इस अक्षत के माध्यम से देश के सभी शहर और ग्राम में जनमानस को उत्सव के लिए आमंत्रित किया जाएगा। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के मीडिया प्रभारी शरद शर्मा ने बताया कि 22 जनवरी को जब अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि प्राणप्रतिष्ठा होगी तो उसके साथ-साथ ही देश भर के पांच लाख से अधिक मंदिरों में भी पूजा का आयोजन किया जाएगा।
इस दौरान मंदिरों में हनुमान चालीसा, दुर्गा चालीसा, रामायण पाठ आदि किया जाएगा। मंदिरों में ये कार्यक्रम प्राणप्रतिष्ठा कार्यक्रम के साथ ही शुरू होंगे और उसके साथ ही समाप्त किए जाएंगे। मंदिरों में अयोध्या के कार्यक्रम के सीधे प्रसारण को दिखाने की व्यवस्था भी की जाएगी। शर्मा ने बताया कि शाम को दीपावली की तरह ही घर-घर में दीपक जलाए जाएंगे।