कैश फॉर क्वेरी मामले में टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा बुरा फंस चुकी हैं। उन पर पैसे देकर सवाल पूछने के गंभीर आरोप लगे हैं, इसी कड़ी में आज यानी कि गुरुवार को लोकसभा की एथिक्स कमेटी उनसे तीखे सवाल-जवाब करने वाली है। पिछले कई दिनों में ऐसे दावे किए जा चुके हैं, जिन पर महुआ की प्रतिक्रिया या सफाई जरूरी है। पहले टीएमसी सांसद चाहती थीं कि उन्हें पांच नवंबर को पूछताछ के लिए बुलाया जाए, लेकिन जब कमेटी ने उनकी बात नहीं मानी, अब वे आज ही पेश होने जा रही हैं।
बताया जा रहा है कि महुआ मोइत्रा सुबह 11 बजे एथिक्स कमेटी के सामने पेश होने वाली हैं। इस पूछताछ से पहले टीएमसी सांसद ने एक बड़ी मांग रखते हुए कहा है कि उद्योगपति दर्शन हीरानंदानी से भी क्रॉस एग्जामिनेशन होनी चाहिए। आरोप क्योंकि ये लगा है कि उद्योगपति द्वारा ही पैसे दिए गए, ऐसे में मोइत्रा इस मामले में निष्पक्ष और विस्तृत जांच चाहती हैं।
वैसे इस हाई प्रोफाइल मामले में लोकसभा की एथिक्स कमेटी को गृह, सूचना प्रौद्योगिकी और विदेश मंत्रालय से खास मदद मिली है। कई ऐसे इनपुट हैं जो कमेटी को इन्हीं तीन मंत्रालयों द्वारा उपलब्ध करवाए गए हैं। टीएमसी सांसद के लिए चिंता की बात ये है कि दर्शन द्वारा ये स्वीकार कर लिया गया है कि उन्होंने महुआ मोइत्रा के संसदीय लॉगिन पर प्रश्न पोस्ट किया था। अगर जांच के बाद ये आरोप सिद्ध हो जाता है तो उस स्थिति में महुआ मोइत्रा को सस्पेंड भी किया जा सकता है।
अभी के लिए महुआ मोइत्रा ने साफ कर दिया है कि वे पूछताछ से भागने नहीं वाली हैं। वे सारा सच बताएंगी जिससे हर तरह का झूठ ध्वस्त हो जाएगा। उन्होंने ये भी कहा कि अगर उनके द्वारा कोई पैसा लिया जाता तो बीजेपी अब तक तो उन्हें जेल में भी डाल चुकी होती। मोइत्रा का उद्योगपति दर्शन हीरानंदानी पर भी आरोप है कि उन्होंने अब तक एक बार भी अपने दावों को लेकर सबूत पेश नहीं किए।
केस की बात करें तो बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने महुआ मोइत्रा पर आरोप लगाया था कि उन्होंने हीरानंदानी ग्रुप के सीईओ दर्शन हीरानंदानी से रिश्वत लेकर संसद में सवाल पूछे। उन्होंने ये आरोप सुप्रीम कोर्ट के वकील जय अनंत देहाद्राई की शिकायत के आधार पर लगाए थे। निशिकांत दुबे की शिकायत के बाद लोकसभा स्पीकर ने पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने के मामले को एथिक्स कमेटी के पास भेज दिया था।