दिल्ली में शराब घोटाला एक बार फिर बड़ा विवाद बन गया है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ईडी द्वारा समन भेजा गया था, उन्हें पूछताछ में शामिल होने के लिए कहा गया था। लेकिन गुरुवार को सीएम केजरीवाल ने आने से ही साफ मना कर दिया। यहां तक कहा गया कि बीजेपी के इशारों पर उनके खिलाफ एक्शन लिया जा रहा है। अब कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने ही आप संयोजक की मौज ले ली है। कहने को वो इंडिया गठबंधन में आम आदमी पार्टी के साथ हैं, लेकिन राजनीति के समय मुंहतोड़ जवाब दिया गया है।
मीडिया से बात करते हुए कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने कहा कि आज उन्हें भागते हुए देखा जा सकता है। ये वहीं केजरीवाल हैं जो अन्ना आंदोलन के समय कहते थे कि अगर किसी मंत्री पर भ्रष्टाचार का शक भी हो, उस पर पूरी जांच की जानी चाहिए। ये तो साफ है कि वो डर गए हैं और अब भाग रहे हैं। अब संदीप दीक्षित का ये बयान मायने रखता है, ये सीधे-सीधे आम आदमी पार्टी के लिए झटका है।
असल में आम आदमी पार्टी चाहती थी कि इस मुद्दे पर इंडिया गठबंधन पूरी तरह एकजुट रहे, हर कोई केजरीवाल के खिलाफ हो रही कार्रवाई का विरोध करे। लेकिन ऐसा हुआ नहीं, इसके ऊपर कांग्रेस नेता अरविंद केजरीवाल पर ही निशान साध दिया। वैसे जिस समय का संदीप दीक्षित ने जिक्र किया है, तब सही मायनों में केजरीवाल पूरी तरह कांग्रेस पर ही हमलावर रहते थे। उस समय केंद्र में यूपीए की सरकार थी और उस पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे थे। उन्हीं आरोपों की वजह से अन्ना हजारे ने भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन शुरू किया था और केजरीवाल जैसे कई नेताओं का उदय हुआ था।
वैसे शराब घोटाले में भी ईडी की जो चार्जशीट सामने आई है,उसमें एक बार नहीं कई बार अरविंद केजरीवाल केक नाम का भी जिक्र किया गया है। अब नाम इसलिए है क्योंकि जांच एजेंसी को पता चला है कि जिस समय दिल्ली की नई शराब नीति बनाई जा रही थी, तब केजरीवाल का हर उस शख्स से संपर्क था जो इस समय इस घोटाले में फंसा हुआ है। जांच एजेंसी के मुताबिक भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की नेता के. कविता के अकाउंटेंट बुचीबाबू से जब पूछताछ हुई थी, तब उनकी तरफ से भी सीएम का नाम लिया गया था। उन्होंने दो टूक कहा था कि के कविता, मनीष सिसोदिया और अरविंद केजरीवाल के बीच एक राजनीतिक समझ चल रही थी।