पाकिस्तान के नौशेरा के अजाखेल शहर में संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त (UNHCR) के प्रत्यावर्तन केंद्रों के बाहर अफगान शरणार्थियों की लंबी लाइन लगी हुई है। पाकिस्तान द्वारा बिना दस्तावेज वाले आप्रवासियों को वहां से चले जाने की आखिरी चेतावनी देने के बाद अफगान शरणार्थियों को घर लौटते हुए सामान से लदे ट्रकों में देखा जा सकता है।
पाकिस्तान के प्रांतीय और संघीय अधिकारी अवैध आप्रवासियों को निष्कासित करने की तैयारियों में लगे हैं। अफगानिस्तानियों के पास पाकिस्तान छोड़ने के लिए 24 घंटे से भी कम समय बचा है क्योंकि इसके लिए निर्धारित 1 नवंबर की समय सीमा करीब आ गई है।
सरकार ने कहा कि यह निर्णय केवल देश के अंदर रह रहे अवैध अफगान नागरिकों पर केंद्रित नहीं था, बल्कि इसमें उन सभी गैर-दस्तावेज और अवैध विदेशियों को भी शामिल किया गया था। पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवर-उल-हक काकर के अनुसार, पाकिस्तान ने जिनेवा कन्वेंशन के तहत पिछले 40 सालों में अपनी धरती पर चार मिलियन से अधिक अफगान शरणार्थियों को रहने दिया, इस तथ्य के बावजूद कि वह उस पर हस्ताक्षरकर्ता नहीं था।
एक दिन पहले उन्होंने कहा था कि दस लाख से अधिक विदेशियों को अवैध के रूप में वर्गीकृत किया गया है जो कानूनी और वैध दस्तावेजों के बिना पाकिस्तान में रह रहे थे। अफगान निवासी तोरखम बॉर्डर पार कर अफगानिस्तान लौट रहे हैं।
अधिकारियों ने बताया कि 1 से 28 अक्टूबर तक 4672 परिवार, जिनमें 67604 लोग शामिल थे, अफगानिस्तान लौट आए। उन्होंने कहा कि वापस लाए गए सभी अफगान पाकिस्तान में अवैध रूप से रह रहे थे और कानूनी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद अफगान परिवारों को पड़ोसी देश में लौटने की अनुमति दी जा रही है। वहीं, अफगानिस्तान में तालिबान सरकार ने कहा कि 23 सितंबर से 22 अक्टूबर के बीच लगभग 60,000 अफगान पाकिस्तान से लौटे।
पंजाब के आईजी उस्मान अनवर ने कहा कि वह अवैध अप्रवासियों की वापसी के लिए संबंधित अधिकारियों के संपर्क में हैं और 3 नवंबर से पूरे प्रांत में अवैध अप्रवासियों की चरणबद्ध निकासी शुरू हो जाएगी। उन्होंने कहा कि रावलपिंडी, सरगोधा, गुजरांवाला, शेखूपुरा, लाहौर और प्रांत के अन्य इलाकों से अवैध निवासियों को निकाला जाएगा। पंजाब आईजी ने कहा कि अवैध निवासियों को प्रांत से निष्कासित किया जाएगा और निष्कासन से पहले उन्हें “होल्डिंग सेंटर” में रखा जाएगा।
विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मुमताज ज़हरा बलूच ने कहा कि निष्कासन योजना अंतरराष्ट्रीय मानदंडों और सिद्धांतों के अनुरूप थी। इस्लामाबाद के अनुसार, पाकिस्तान 4 मिलियन से अधिक अफगान प्रवासियों और शरणार्थियों का घर है, जिनमें से लगभग 1.7 मिलियन का कोई दस्तावेजीकरण नहीं है।