ओडिशा सरकार ने केंद्रपाड़ा में मछली पकड़ने पर प्रतिबंध लगाया। ओडिशा सरकार ने ‘ओलिव रिडले’ कछुओं के संरक्षण को लेकर बुधवार से केंद्रपाड़ा में तट से 20 किलोमीटर अंदर मछ्ली पकड़ने की गतिविधि पर सात महीने का प्रतिबंध लगा दिया। केंद्रपाड़ा तट पर ओलिव रिडले कछुए आशियाना बनाने और अंडे देने आते है।
वन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि अधिसूचित क्षेत्रों में धमारा, देवी और रुशिकुल्या नदियों के मुहाने के आसपास के समुद्री क्षेत्र शामिल हैं। ऐसा इसलिए किया गया है ताकि उनके प्रजनन ऋतु में ‘ओलिव रिडले’ कछुए जैसे समुद्री जानवरों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। समुद्री जानवरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए धमारा, देवी और रुसिकुल्या नदियों के मुहाने पर तट के 20 किमी के भीतर बुधवार से समुद्री मछली पकड़ने की गतिविधि पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
वन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि यह उपाय हर साल किया जाता है। इस बार भी उड़ीसा समुद्री मत्स्य पालन विनियमन अधिनियम-1982 और वन्यजीव संरक्षण अधिनियम-1972 के प्रावधानों के अनुसार 1 नवंबर 2023 से 31 मई 2024 तक यह प्रतिबंध लागू रहेगा। अधिकारी ने बताया कि मच्छी पकड़ने के जाल में फंसने या ट्रॉलर की चपेट में आने से बड़ी संख्या में कछुए मर जाते हैं।
एक अधिकारी ने बताया कि इस प्रतिबंध की अवधि के दौरान कई स्तरों पर गश्त की जाएगी। इसके लिए राज्य के चार वन्यजीव प्रभागों भद्रक, राजनगर, पुरी और बेरहामपुर में 61 से अधिक शिविर भी स्थापित किये गये हैं। उन्होंने कहा कि निषिद्ध क्षेत्रों में अवैध रूप से मछली पकड़ने को रोकने के लिए पांच हाई स्पीड नौकाओं, 13 ट्रॉलर और सहायक नौकाओं को सेवा में लगाया गया है।
मत्स्य विभाग के अधिकारी ने बताया कि मच्छी पकड़ने पर प्रतिबंध के कारण 10,600 से अधिक मछुआरों के परिवार प्रभावित होंगे। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी आय के नुकसान की भरपाई के लिए राज्य सरकार ने प्रत्येक प्रभावित मछुआरा परिवार को 15,500 रुपये की एकमुश्त आजीविका सहायता देने का फैसला किया है। गहिरमाथा तट पर पूरे साल मछली पकड़ने पर पूर्ण प्रतिबंध लागू रहता है। यह तट ओलिव रिडले कछुओं के सबसे बड़े पर्यावास गलियारे के रूप में जाना जाता है इसलिये इसे समुद्री अभयारण्य का दर्जा दिया गया है।