Kerala Blast: केरल पुलिस ने नफरत फैलाने वाला प्रचार करने के आरोप में केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर के खिलाफ मामला दर्ज किया है। चन्द्रशेखर कालामसेरी विस्फोट पर अपनी टिप्पणी को लेकर विवादों में हैं। एफआईआर में कहा गया है कि मंत्री ने एक्स पर नफरत फैलाने का काम किया।
कोच्चि के कन्वेंशन सेंटर में हुए धमाके के कुछ देर बाद केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर तुष्टिकरण की राजनीति करने के लिए केरल सीएम की आलोचना की थी। उन्होंने कहा था कि केरल के सीएम पिनराई विजयन दिल्ली में इजरायल-हमास युद्ध के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। इसका हवाला देते हुए चंद्रशेखर ने लिखा, ‘दिल्ली में बैठकर इजराइल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, जबकि केरल में आतंकवादी हमास के जरिए जिहाद करने को कहे जाने की वजह से निर्दोष ईसाइयों पर हमले और बम धमाके हो रहे हैं।’
जिसके बाद केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर के कोच्चि के कंवेंशन सेंटर में हुए धमाके पर दिए बयान को लेकर उन पर पलटवार किया था। पिनराई विजयन ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा था, ‘जो लोग जहरीले हैं, वो जहर उगलते रहेंगे।’ हालांकि, ऐसा कहने के दौरान उन्होंने सीधे तौर पर केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर का नाम नहीं लिया था। उन्होंने आगे कहा था, ‘एक केंद्रीय मंत्री ने कहा है कि मैं तुष्टिकरण की राजनीति कर रहा हूं और इजरायल के खिलाफ प्रदर्शन कर रहा हूं।’
चंद्रशेखर के बयानों पर सवाल उठाते हुए केरल सीएम ने कहा था कि उन्होंने किस आधार पर ये बातें कही हैं। उन्होंने कहा, ‘वह एक मंत्री हैं और उन्हें कम से कम जांच एजेंसियों के प्रति सम्मान दिखाना चाहिए। इतनी गंभीर घटना में अभी जांच चल रही है। अभी शुरुआती स्टेज ही है और वह कुछ लोगों को निशाना बनाने के लिए इस तरह की बयानबाजी कर रहे हैं। यह उनके सांप्रदायिक एजेंडे पर आधारित है, लेकिन केरल के पास ऐसा कोई एजेंडा नहीं है। केरल हमेशा साम्प्रदायिकता के खिलाफ खड़ा रहा है।’
बता दें, केरल के कोच्चि शहर में रविवार (29 अक्टूबर) को एक कन्वेंशन सेंटर में चल रही प्रार्थना सभा के दौरान ब्लास्ट हुआ था। इस ब्लास्ट में 12 साल की एक बच्ची समेत तीन लोगों की मौत हो गई थी, जबकि कई लोग घायल हुए थे। कंवेंशन सेंटर में एक के बाद एक कई धमाके हुए। वहीं, धमाके के बाद ईसाइयों के ‘यहोवा के साक्षी’ संप्रदाय का सदस्य होने का दावा करने वाले एक व्यक्ति ने कुछ घंटे बाद ही त्रिशूर जिला पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया था।