Jyotiraditya Scindia: केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मध्य प्रदेश के अशोकनगर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए जहां कांग्रेस पर निशाना साधा तो वहीं खुद से जुड़े कुछ निजी किस्सों का भी खुलासा किया। सिंधिया ने कहा कि पुराने-जमाने में जब गांव में सड़क नहीं होती है तो हम कहते थे कि पगडंडी पकड़ लो, लेकिन जब से भारतीय जनता पार्टी की सरकार आई है इन 18 साल में हमने ऐसी मखमल से सड़कें बना दी हैं कि पगडंडी हमारे शब्दकोश से ही निकल गया है।
सिंधिया ने कहा कि 2003 में पहली बार जब मैं सांसद बना था। उस वक्त मैं विक्रमपुर गांव गया था। वहां जाते-जाते मेरी टाटा सफारी का एक्सल टूट गया था। यह हाल तब सड़कों का था। केंद्रीय मंत्री गांव में लाइट को लेकर भी कहा कि उस वक्त गांव में लाइट की भी सुविधा नहीं थी,लेकिन जब से मोदी सरकार आई मध्य प्रदेश के हर गांव में प्रकाश हो गया और अब आपके पास ज्योतिरादित्य भी आ गया।
कांग्रेस के मेनिफेस्टो के सवाल पर सिंधिया ने कहा कि मुझे कांग्रेस के मेनिफेस्टो के बारे में मत बताओ। मैंने 15 महीने में देख लिया था कि कांग्रेस ने अपने मेनिफेस्टो को किस तरह कचरे के डिब्बे में फेंक दिया था। सिंधिया ने कहा कि इस बार 5जी (मतलब पांच गारंटी) लेकर आए थे, लेकिन कांग्रेस की पहचान 5जी नहीं है, कांग्रेस की पहचान है 2जी, जो कांग्रेस ने टेलिकॉम स्कैम किया था।
सिंधिया ने आगे कहा कि कांग्रेस गारंटी की बात करती है। मैं बताता हूं कि शिवराज सिंह की सरकार ने एक-एक विषय का क्रियान्वयन करके पूरा लाभ मध्य प्रदेश की साढ़े नौ करोड़ जनता को दिया है। इस तरह से कांग्रेस की 5जी पूरी तरह से खत्म हो चुकी है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में कसमकस किस स्तर पर चल रहा है, इसको लेकर सभी जानते हैं। कांग्रेस का एक ही लक्ष्य है, जैसे भी हो कुर्सी मिलनी चाहिए, जबकि भारतीय जनता पार्टी का लक्ष्य है, जैसे भी हो जनता की सेवा और मध्य प्रदेश का विकास होना चाहिए। सिंधिया ने कहा कि कांग्रेस जान चुकी है कि अब उनकी कहानी खत्म हो चुकी है।
2018 मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाल के बाद 20 मार्च, 2020 मध्य प्रदेश की सियासत का वह दिन है, जब 15 साल बाद सत्ता पर काबिज होने वाली कांग्रेस की कमलनाथ सरकार 15 महीने बाद ही गिर गई। ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके साथ 22 कांग्रेसी विधायकों के इस्तीफे के बाद अल्पमत में आई सरकार के मुखिया कमलनाथ ने 20 मार्च 2020 को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था, लेकिन 15 साल बाद प्रदेश की सत्ता में वापसी करने वाली कांग्रेस की सरकार 15 महीनों में ही कैसे गिर गई?
ज्योतिरादित्य सिंधिया और कमलनाथ के बीच सियासी वर्चस्व की लड़ाई को कांग्रेस की सरकार गिरने की बड़ी वजह माना गया। राजनीतिक जानकार मानते हैं कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से ही सिंधिया और कमलनाथ के बीच कई मुद्दों पर शायद सहमति नहीं बन रही थी, लेकिन टीकमगढ़ की एक सभा में ज्योतिरादित्य सिंधिया के एक ऐलान ने इस असहमति को विवाद में बदल दिया था और फिर यही विवाद आखिर में कमलनाथ सरकार गिरने की प्रमुख वजह माना गया।