सरकार ने विपक्षी सांसदों के इस दावे के बाद जांच के आदेश दिए हैं कि उन्हें राज्य प्रायोजित हमलावरों द्वारा उनके आईफोन से जानकारी चुराने के प्रयासों की चेतावनी मिली है। मंगलवार को विपक्ष के कई नेताओं ने सोशल मीडिया पर दावा किया कि उन्हें Apple की तरफ से एक संदेश मिला है जिसमें उन्हें स्टेट स्पॉन्सर्ड हैकर्स के खतरे से चेताया गया है। जिसके बाद एप्पल ने आधिकारिक बयान जारी कर कहा कि राज्य प्रायोजित खतरे को लेकर हम किसी तरह की जानकारी साझा नहीं करते हैं।
वहीं, आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने X (ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा कि सरकार सभी नागरिकों की गोपनीयता और सुरक्षा की रक्षा करने की अपनी भूमिका को बहुत गंभीरता से लेती है और इन नॉटिफिकेशन की तह तक जाने के लिए जांच करेगी। मंत्री ने अपने पोस्ट में कहा, “ऐसी जानकारी और अटकलों के बीच हमने एप्पल से राज्य-प्रायोजित हमलों पर वास्तविक, सटीक जानकारी के साथ जांच में शामिल होने के लिए भी कहा है।”
एक्स पर सिलसिलेवार किए गए पोस्ट्स में केंद्रीय मंत्री ने कहा, “हम एप्पल से प्राप्त नॉटिफिकेशन के बारे में कुछ सांसदों के साथ-साथ अन्य लोगों के मीडिया में देखे गए बयानों से चिंतित हैं। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार उन्हें प्राप्त अधिसूचना में उनके उपकरणों पर ‘राज्य-प्रायोजित हमलों’ का उल्लेख है।” मंत्री ने आगे लिखा, “इस मुद्दे पर Apple द्वारा दी गई जानकारी अस्पष्ट लगती है। Apple का कहना है कि ये नॉटिफिकेशन शायद उन सूचनाओं पर आधारित हैं जो ‘अधूरी या अपूर्ण’ हैं। इसमें यह भी कहा गया है कि कुछ Apple खतरे की सूचनाएं गलत अलार्म या कुछ हमलों का पता नहीं चल पाती हैं।
अश्विनी वैष्णव ने लिखा, “एप्पल ने यह भी दावा किया है कि Apple ID उपकरणों पर सुरक्षित रूप से एन्क्रिप्टेड हैं, जिससे उपयोगकर्ता की स्पष्ट अनुमति के बिना उन तक पहुंचना या पहचान करना बेहद मुश्किल हो जाता है। यह एन्क्रिप्शन उपयोगकर्ता की एप्पल आईडी की सुरक्षा करता है और यह सुनिश्चित करता है कि यह निजी और संरक्षित रहे।”
मंत्री ने लिखा कि भारत सरकार सभी नागरिकों की गोपनीयता और सुरक्षा की रक्षा करने की अपनी भूमिका को बहुत गंभीरता से लेती है और इन अधिसूचनाओं की तह तक जाने के लिए जांच करेगी। ऐसी जानकारी और अटकलों के बीच में हमने Apple से राज्य प्रायोजित हमलों पर वास्तविक और सटीक जानकारी के साथ जांच में शामिल होने के लिए भी कहा है।
वहीं, दूसरी ओर आईफोन निर्माता एप्पल इंक ने मंगलवार को कहा कि वह विपक्षी दलों के कुछ सांसदों को भेजे गए चेतावनी संदेश को किसी विशिष्ट सरकार-प्रायोजित हमलावरों से नहीं जोड़ती और वह इस बारे में जानकारी नहीं दे सकती है कि ऐसी चेतावनियों का कारण क्या है। एप्पल ने एक बयान में कहा कि यह संभव है कि कुछ खतरे की सूचनाएं गलत चेतावनी हो सकती हैं और कुछ हमलों का पता नहीं चल सकता।