दक्षिण भारत के लिए रविवार का दिन काल बनकर आया। एक तरफ केरल में सीरियल धमाकों ने बड़ी तबाही मचाई तो दूसरी तरफ आंध्र प्रदेश में देर रात भीषण ट्रेन हादसा हो गया। एक तरफ केरल के धमाकों को इजरायल-हमास की जंग से जोड़कर देखा जा रहा है, तो वहीं आंध्र प्रदेश ट्रेन हादसे को एक मानवीय भूल माना जा रहा है। दोनों ही घटनाओं में लोगों की मौत हुई है, कई घरों में मातम पसरा है और पीछे छूट गए हैं कई सवाल।
केरल के एर्नाकुलम सेंटर में रविवार को हुए बम धमाकों में अब तक दो लोगों की मौत हो चुकी है। इस हमले में 50 से ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं, वहीं पांच की हालत गंभीर बनी हुई है। इस हमले की जिम्मेदारी डोमिनिक मार्टिन नाम के एक शख्स ने ली है। धमाकों के कुछ घंटे बाद उसने त्रिशूल जिले के कोडकारा पुलिस स्टेशन में सरेंडर किया और कहा कि उसने ही कन्वेंशन सेंटर में बम लगाया था।
बड़ी बात ये है कि आरोपी का कहना है कि उसे उस विचारधारा नफरत थी जिसके लोग प्रार्थना सभा में मौजूद थे। उसका आरोप रहा कि इस विचारधारे लोग युवाओं को गुमराह करने का काम कर रहे थे। ऐसे में उसने बम धमाका कर एक संदेश देने का काम किया। ये अलग बात है कि पुलिस अभी भी उस युवक से पूछताछ कर रही है, किसी भी तरह के निष्कर्ष पर पहुंचने की जल्दी नहीं दिख रही है।
अभी के लिए इस मामले में NIA भी जांच करने जा रही है और राज्य सरकार ने भी 20 सदस्यों की एक विशेष टीम का गठन कर दिया है। हर एंगल से इन बम धमाकों की जांच की जा रही है। चिंता की बात ये है कि पुलिस द्वारा इस बात की पुष्टि कर दी गई है कि बम धमाकों में IED डिवाइस का इस्तेमाल किया गया। इसका इस्तेमाल ही बताने के लिए काफी है कि साजिश बड़ी थी और ज्यादा से ज्यादा लोगों को मारने की तैयारी थी।
मामले की गंभीरता को समझते हुए सीएम विजयन ने आज यानी कि सोमवार को एक सर्वदलीय बैठक बुलाई है। उनकी तरफ से दो टूक कहा गया है कि ये सरकार इस मामले को काफी गंभीरता से लेती है और किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा। वैसे केरल की वर्तमान स्थिति को देखते हुए पुलिस ने भी सभी को सख्त निर्देश दे दिए हैं कि किसी भी तरह से नफरत फैलाने वाले मैसेज सोशल मीडिया पर शेयर ना किए जाएं। निर्देश का पालन नहीं होने पर सख्त एक्शन लेने की बात भी कर दी गई है।
वैसे इन बम धमाकों के तार इजरायल और हमास के बीच जारी जंग से भी जोड़कर देखें जा रहे हैं। असल में हमास के पूर्व प्रमुख खालिद मशाल ने शुक्रवार (27 अक्टूबर) को केरल के मलप्पुरम में फिलिस्तीन समर्थक रैली को संबोधित किया था। इस दौरान उसने गाजा के लिए एकता का आह्वान किया था। ऐसे आरोप लग रहे हैं कि उसके जहर ने ही कट्टरपंथियों को इन धमाकों के लिए प्रोत्साहित किया था। इस एंगल की भी अभी जांच की जा रही है।
अब रविवार का दिन काला इसलिए भी साबित हुआ क्योंकि आंध्र प्रदेश ने एक भीषण रेल हादसा देख लिया जिसमें अब तक मरने वालों का आंकड़ा 9 हो चुका है और 40 के करीब घायल बताए जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि एक ट्रेन पटरी पर सिर्फ खड़ी हुई थी, लेकिन दूसरी ट्रेन उसी पटरी पर फुल स्पीड से आई और टक्कर मार दी। अब इसमें किसकी गलती, क्या लापरवाही रही, ये साफ नहीं हैं, लेकिन मौके पर अधिकारी पहुंच चुके हैं और हर एंगल से जांच की जा रही है।
वैसे पीएम मोदी ने भी रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से फोन पर बात की है, उनकी तरफ से इस हादसे पर संवेदना व्यक्त कर दी गई है। रेल मंत्री ने विस्तार से प्रधानमंत्री को इस हादसे के बारे में बताया है। बताया जा रहा है कि गंभीर रूप से घायल यात्रियों की संख्या ज्यादा है, ऐसे में मरने वालों का आंकड़ा बढ़ भी सकता है। इस हादसे की जो तस्वीरें भी सामने आई हैं, उनमें कुछ बोगियां बुरी तरह क्षतिग्रस्त बताई जा रही हैं। घटना का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें लोगों की चीख-पुकार साफ सुनी जा सकती है।
अभी के लिए रेल हादसे में जान गंवाने वालों के परिजनों के लिए PMNRF फंड से 2 लाख के मुआवजे का ऐलान कर दिया गया है। वहीं घायलों को 50 हजार की मदद की बात कही गई है। राज्य सरकार की तरफ से भी स्थानीय मृतकों के परिवारों के लिए 10 लाख और दूसरे राज्यों के परिजनों के लिए दो लाख मुआवजे का ऐलान किया गया है।
अब दोनों केरल और आंध्र प्रदेश की घटनाएं एकदम अलग हैं। एक में आतंकी हमले की साजिश है तो दूसरे में मानवीय भूल का एंगल सामने आ रहा है। लेकिन दोनों घटनाओं में एक चीज समान है- आम लोगों की सुरक्षा। एक तरफ केरल धमाकों की वजह से देश में रह रहे यहूदी समाज के लोग चिंतित हैं तो वहीं दूसरी तरफ लगातार हो रहे रेल हादसों ने यात्रियों के मन भी डर पैदा कर दिया है।