उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में एक स्कूल में हुए थप्पड़ कांड पर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई हुई। कोर्ट ने शिक्षा विभाग से रिपोर्ट मांगते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार तेजी से इस पर काम करे। सुप्रीम कोर्ट ने बताया कि बच्चे की काउंसलिंग के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। हम बच्चे के भविष्य को लेकर चिंतित हैं।
अदालत ने कहा, “हम राज्य को सूचित कर रहे हैं कि हम न केवल पीड़ित बल्कि दूसरे बच्चों की काउंसलिंग के लिए एक विशेषज्ञ एजेंसी नियुक्त करने पर विचार कर रहे हैं, जिसकी लिस्ट अगले सोमवार को दी जाएगी।” वहीं, इस मामले पर यूपी सरकार ने कहा कि इसकी जांच पूरी हो चुकी है।
जस्टिस अभय ने कहा, “बच्चा बहुत सदमे में है। आप बच्चे और माता-पिता से परामर्श केंद्र में आने की उम्मीद नहीं कर सकते। श्री नटराज, निर्देश लें कि क्या बच्चों की काउंसलिंग के लिए NIMHANS या किसी अन्य विशेषज्ञ एजेंसी को नियुक्त किया जा सकता है।” इसके साथ ही शिक्षा विभाग की तरफ से जवाब दाखिल नहीं होने पर भी सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई।
पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर हुई अब तक की कार्रवाई की जानकारी मांगी थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि आरोपी के खिलाफ अब तक क्या कार्रवाई हुई और बच्चे के परिवार और उसकी सुरक्षा के लिए किस तरह के कदम उठाए गए। मामले को लेकर सोशल एक्टिविस्ट तुषार गांधी ने याचिका दायर की थी।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने मुजफ्फरनगर में स्कूली छात्र को थप्पड़ लगवाने वाली घटना की जांच सीनियर आईपीएस अधिकारी की निगरानी में कराने का आदेश दिया था। तुषार गांधी की याचिका पर पीठ ने सुनवाई करते हुए कहा था कि जिस तरह से FIR दर्ज की गई है, वो आपत्तिजनक है। कोर्ट ने कहा कि हमें गंभीर आपत्ति है। क्या स्कूलों ने गुणवत्ता परक शिक्षा दी जा रही है? हम इसकी गहराई में जाएंगे।
कोर्ट ने यह भी कहा था कि राज्य सरकार को इसकी जिम्मेदारी लेते हुए तुरंत और सख्त कार्रवाई करनी चाहिए थी। क्या स्कूल ने बच्चे की काउंसलिंग के लिए किसी विशेषज्ञ काउंसलर को नियुक्त किया है। यह काफी गंभीर मुद्दा है। गौरतलब है कि मुजफ्फरनगर में कुछ महीनों पहले वायरल हुए वीडियो में एक टीचर एक छात्र को अन्य छात्रों से थप्पड़ लगवाते हुए समुदाय विशेष पर विवादित टिप्पणी कर रही थी