केरल के एर्नाकुलम कन्वेंशन सेंटर में हुए सीरियल ब्लास्ट ने पूरे देश की यहूदी आबादी को चिंता में डाल दिया है। पहले से ही हाई अलर्ट जारी था, अंदेशा था कि यहूदियों के पवित्र स्थल पर आतंकी हमला हो सकता है। अब उस अलर्ट के बीच रविवार सुबह एर्नाकुलम कन्वेंशन सेंटर में हुए सीरियल ब्लास्ट हुआ। इस ब्लास्ट में एक महिला की मौत हुई तो वहीं 40 के करीब घायल बताए जा रहे हैं। वहां भी पांच की हालत गंभीर बनी हुई है।
यहां ये समझना जरूरी है कि इस समय इजरायल और हमास के बीच में भीषण युद्ध जारी है। इजरायल में दुनिया के सबसे ज्यादा यहूदी रहते हैं, उन्हीं के खिलाफ हमास ने ये हल्ला बोल कर रखा है। पहले सात अक्टूबर को कई की बेहरमी से हत्या कर दी, उसके बाद इजरायल की कार्रवाई ने स्थिति को और ज्यादा विस्फोटक बना दिया। अब इजरायल इस समय जो कार्रवाई कर रहा है, उसकी वजह से हमास की नजरों में यहूदी समाज उसे अखर रहा है। ऐसे इनपुट मिल रहे हैं कि यहूदियों के पवित्र स्थल को निशाना बनाया जा सकता है। इस्लाम के कट्टरपंथी संगठन है, वो कोई बड़ा हमला कर सकते हैं।
भारत में यहूदियों की आबादी कोई बहुत ज्यादा नहीं है, लेकिन माना जाता है कि 2000 साल पहले यहूदियों का भारत आने का सिलसिला शुरू हुआ था। दुनिया के कई देशों से यहूदी भारत आए थे, उन्हें बेहतर जिंदगी चाहिए थी, बेहतर सुविधाएं चाहिए थीं और उसी उम्मीद के साथ कई यहूदियों ने हिंदुस्तान का रुख किया। बताया तो ये भी जाता है कि ये समाज कई देशों में उत्पीड़न का शिकार हुआ था, उस वजह से भी सुरक्षा के लिए उसने भारत आना बेहतर समझा।
वर्तमान में भारत के मुंबई, गुजरात, कोलकाता में सबसे ज्यादा यहूदी बसे हुए हैं। असल में देश में तीन तरह यहूदी रह रहे हैं- बेन इजरायली यहूदी, मालाबार और कोच्चि यहूदी और बगदादी यहूदी। अब भारत में सबसे ज्यादा इजरायली यहूदी रहते हैं। मुंबई में अगर इनकी आबादी सबसे ज्यादा है तो वहीं गुजरात और कोलकाता में भी अच्छी उपस्थिति है।
दूसरे देशों से भारत आने वाले यहूदी देश के अलग-अलग हिस्सों में जाकर बस गए. इन यहूदियों के भारत आने की वजह यह थी कि जहां ये पहले रह रहे थे वहां इनके साथ उत्पीड़न होता था. इन्होंने बेहतर अवसर की उम्मीद में भारत में कदम रखा. भारत में अलग-अलग जगहों के यहूदी मुंबई, पुणे जैसे कई बड़े शहरों में जाकर बस गए. कोलकाता में इस समय बगदादी यहूदी की आबादी के लोग रहते हैं। इनकी आबादी तो अब वहां पर 10 से भी कम रह गई है, लेकिन एक जमाने में उनकी उपस्थिति भी काफी ज्यादा थी।
इसके अलावा मालाबार और कोच्चि यहूदी वाले समाज के लोग वर्तमान में आंध्र प्रदेश में मौजूद है। अब यहां ये समझना जरूरी है कि केरल में जहां पर सीरियल ब्लास्ट हुआ है, उधर Jehovah’s Witnesses की आबादी ज्यादा है। ये वो वर्ग है जो खुद को पूरी तरह ईसाई धर्म से जोड़कर नहीं देखता है। उसके लिए सिर्फ Jehovah ही एक भगवान हैं। बाइबल में इस समाज की अटूट आस्था है और उन्हें विश्वास है कि एक बार फिर दुनिया में भगवान का राज स्थापित होगा।