कैश फॉर क्वेरी मामले में बुरी तरह फंस चुकीं टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने अब बीजेपी नेता निशिकांत दुबे को आड़े हाथों लेने का काम किया है। उनकी तरफ से दो टूक कहा गया है कि जो शिकायत करता है, सबूत भी उसे ही देना होता है। साफ कर दिया गया है कि उनके खिलाफ जांच कमेटी को भी कोई सबूत नहीं मिले हैं।
असल में इंडिया टुडे से बात करते हुए महुआ मोइत्रा ने कहा कि अगर मुझे कैश दिया गया था, तो उसकी डेट भी बतानी चाहिए। सारे दस्तावेज दिखाने चाहिए। इसके अलावा मोइत्रा ने उस आरोप पर भी कड़ी आपत्ति दर्ज करवाई है जहां पर कहा गया है कि उन्हें उद्योगपति दर्शन हीरानंदानी से सवाल पूछने के लिए पैसे मिले। उनका कहना है कि खुद हीरानंदानी ने ही अपने हलफनामे में किसी ऐसे सौदे का जिक्र नहीं किया।
जानकारी के लिए बता दें कि संसद की एथिक्स कमेटी इस समय कैश कांड मामले की जांच कर रही है। मोइत्रा से भी सवाल किए जा रहे हैं और दूसरे लोगों से भी बातचीत हो रही है। इसके अलावा एथिक्स कमेटी गृह मंत्रालय से महुआ मोइत्रा की पिछले 5 साल की विदेश यात्राओं का ब्योरा मांग सकती है। सूत्रों का मुताबिक संसदीय पैनल यह तय करने के लिए गृह मंत्रालय से संपर्क कर सकता है कि महुआ मोइत्रा ने अपनी विदेश यात्राओं के दौरान लोकसभा को सूचित करने और अन्य मंजूरी जैसी सभी उचित प्रक्रियाओं को पूरा किया था या नहीं।
केस की बात करें तो बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने महुआ मोइत्रा पर आरोप लगाया है कि उन्होंने हीरानंदानी ग्रुप के सीईओ दर्शन हीरानंदानी से रिश्वत लेकर संसद में सवाल पूछे। उन्होंने ये आरोप सुप्रीम कोर्ट के वकील जय अनंत देहाद्राई की शिकायत के आधार पर लगाए हैं। निशिकांत दुबे की शिकायत के बाद लोकसभा स्पीकर ने पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने के मामले को एथिक्स कमेटी के पास भेजा है।