उत्तर प्रदेश के अयोध्या में बन रहे भव्य श्रीराम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम 22 जनवरी 2024 को होगा। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मौजूद रहेंगे। रामजन्म भूमि तीर्थ ट्रस्ट के सदस्यों ने बुधवार को पीएम मोदी से मुलाक़ात कर उन्हें कार्यक्रम में शामिल होने का निमंत्रण दिया था, जिसे प्रधानमंत्री ने स्वीकार भी कर लिया है। वहीं, राम मंदिर निर्माण कार्य से जुड़े एक मुस्लिम व्यापारी भी खुद को सौभाग्यशाली मानते हैं।
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए संगमरमर की आपूर्ति करने वाले मकराना के एक प्रमुख व्यावसायी सेठ मोहम्मद रमजान खुद को इस बात के लिए सौभाग्यशाली मानते हैं कि उन्हें मंदिर के निर्माण से जुड़ने का मौका मिला। राम मंदिर निर्माण के लिए ज्यादातर संगमरमर राजस्थान में मकराना के मुस्लिम व्यापारियों से खरीदा गया है और खदानों से संगमरमर निकालने वाली कंपनी भी मकराना के एक मुस्लिम उद्योगपति की है। इतना ही नहीं राम मंदिर के लिए डिजाइन तैयार करने से लेकर नक्काशी में जुटे अधिकांश कारीगर इसी समुदाय से हैं।
राम मंदिर के लिए संगमरमर की आपूर्ति करने वाली कंपनी सेठ भाउद्दीन मार्बल प्राइवेट लिमिटेड के मालिक सेठ मोहम्मद रमजान ने न्यूज एजेंसी ‘पीटीआई भाषा’ से बातचीत में कहा, “मैं राम मंदिर तीर्थ ट्रस्ट और राम मंदिर निर्माण से जुड़ी कंपनी का आभारी हूं जिन्होंने हमें चुना। अयोध्या में राम मंदिर के लिए अधिकांश मार्बल यहीं से जा रहा है जो सर्वश्रेष्ठ गुणवत्ता का है। मेरी कंपनी सफेद संगमरमर की आपूर्ति कर रही है।”
मोहम्मद रमजान ने बताया कि हम डेढ़ साल से सफेद संगमरमर की आपूर्ति कर रहे हैं और नवंबर के अंत तक मंदिर में मार्बल की फिटिंग का काम पूरा हो जायेगा। उन्होंने कहा, “हमने हजारों मंदिरों के निर्माण में योगदान दिया है लेकिन अयोध्या में रामलला के मंदिर के निर्माण का हिस्सा बनना अपने आप में अनूठा है। हम शुक्रगुजार हैं कि हमें यह सौभाग्य मिला।’’
कंपनी के मुख्य शिल्पकार अब्दुल गनी अस्ताजी बताते हैं कि हमारे यहां से करीब डेढ़- दो साल से सफेद संगमरमर अयोध्या जा रहा है। अहमदाबाद से सोमपुरा जी के यहां से नक्शा आता है और उसके आधार पर हम पत्थर पर नक्काशी करते हैं और फिर उसे अयोध्या भेजते हैं। अस्ताजी ने बताया कि वह वर्षों से राम मंदिर से जुड़े हैं और इसका हिस्सा बनकर उन्हें बहुत अच्छा लग रहा है।
वहीं, मार्बल का खनन करने वाली कंपनी ‘मातावर माइन्स’ के मालिक हाजी अब्दुल कय्यूम ने बताया कि राम मंदिर के निर्माण से जुड़ा काम जब से हमारे यहां आया है, पूरे मकराना के अंदर खुशहाली आई है। हजारों मजदूरों को काम मिला और हजारों परिवारों को रोजी-रोटी मिली है। मार्बल की मांग भी ज्यादा बढ़ गई है, हर जगह मंदिरों और दूसरी जगहों पर मार्बल लगाया जा रहा है। उससे हमें बहुत रोजगार मिला है।