Israel-Hamas War: उद्धव गुट के नेता संजय राउत ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे हमास वाली टिप्पणी पर पलटवार किया है। राउत ने कहा कि वह हमास, लश्कर या हिजबुल का नाम नहीं लेना चाहते, क्योंकि भारत और खासकर महाराष्ट्र में उनका कोई महत्व नहीं है, लेकिन एकनाथ शिंदे खुद हमास हैं।
संजय राउत की का यह बयान महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के दशहरा भाषण के जवाब में था, जिसमें शिंदे ने कहा था, ‘उन्हें आश्चर्य नहीं होगा अगर उद्धव ठाकरे असदुद्दीन ओवैसी के साथ गठबंधन करेंगे या अपने स्वार्थ के लिए ‘हमास, हिजबुल मुजाहिदीन, लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकवादी संगठनों को गले लगाएंगे, उनका मकसद केवल कुर्सी है।’
राउत ने कहा, ‘एकनाथ शिंदे को ये बातें 2024 में कहनी चाहिए, जब वह सत्ता में नहीं होंगे। उनका दिमाग हमास से भरा हुआ है। अगर आप दशहरे के शुभ अवसर पर ऐसा बोलते हैं, तो यह स्पष्ट है कि आपके विचार क्या हैं। राजनीति में आपका जन्म शिवसेना ने किया है। शिवसेना आपको यहां लाई जहां आप मुख्यमंत्री बन सकते थे और आज आप उन्हें हमास कह रहे हैं? भाजपा ने आपके दिमाग में कितनी गंदगी डाल दी है? मैं भी बहुत कुछ कह सकता हूं, लेकिन नहीं कहूंगा, क्योंकि मुझे बाला साहेब के आदर्शों का पालन करना है।’
उद्धव गुट के नेता ने कहा, ‘बालासाहेब हमेशा देश को मजबूत करने की बात करते थे, लेकिन एकनाथ शिंदे का भाषण बीजेपी को मजबूत बनाने, पीएम मोदी को मजबूत बनाने के बारे में है।’
गाजा पर शासन करने वाले हमास ने 7 अक्टूबर को इजरायल पर हमला किया था। जिससे मध्य पूर्व में एक अभूतपूर्व संकट पैदा हो गया और इजराइल ने हमास के खिलाफ युद्ध की घोषणा कर दी। हमास को इजरायल, संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा एक आतंकवादी संगठन के रूप में बताया गया है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के भाषण में हमास का जिक्र इसी संकट से लिया गया है, जबकि यह पहली बार नहीं है कि भारतीय राजनेताओं ने घरेलू संदर्भ में हमास का जिक्र किया है।
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने हाल ही में कहा था कि शरद पवार को अपनी बेटी सुप्रिया सुले को हमास के लिए लड़ने के लिए भेजना चाहिए, क्योंकि पवार ने फिलिस्तीनी अधिकारों और इज़रायल-फिलिस्तीन मुद्दे पर भारत के ऐतिहासिक रुख के बारे में बात की थी।