Israel-Hamas War: वैश्विक स्तर पर हलचल पैदा करने वाला इजरायल-हमास युद्ध आज 18वें दिन में प्रवेश कर चुका है। यह जंग 7 अक्टूबर को हमास द्वारा इजरायल पर किए गए हमले के बाद शुरू हुई, जो अब तक जारी है। दोनों ओर से हमले किए जा रहे हैं, लेकिन इस हमले में सबसे ज्यादा तबाही गाजा के लोग झेल रहे हैं। गाजा भयंकर मानवीय संकट का सामना कर रहा है।
जंग के इस मैदान में इजराइल ने अपनी स्थिति के घोषणा के बावजूद, गाजा पर ग्राउंड ऑपरेशन शुरू नहीं किया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस ग्राउंड ऑपरेशन में देरी की वजह अंतरराष्ट्रीय दबाव, राजनीतिक-सैन्य विभाजन और बंधक बनाए गए लोगों की चिंताएं प्रमुख वजह बताई गई हैं। इजरायली सेना लगातार क्षेत्र पर हमला कर रही है, लेकिन कुछ अपेक्षाकृत छोटी घुसपैठों के अलावा जो उम्मीद की जा रही थी, उसके मुताबिक कोई बड़ा ग्राउंड ऑपरेशन शुरू नहीं किया है।
डेली येदिओथ अह्रोनोथ में संपादकीय लेखक नहूम बरनिया ने कहा, ‘इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और आईडीएफ (सेना) के बीच विश्वास का संकट है।’ उन्होंने लिखा, “सरकार को शीर्ष मुद्दों पर ऐसे निर्णय लेने में कठिनाई हो रही है जिन पर सभी सहमत हैं।”
बरनिया और सैन्य सूत्रों के अनुसार, ‘नेतन्याहू जनरलों से नाराज हैं। 7 अक्टूबर को जो कुछ भी हुआ उसके लिए उन्हें दोषी मानते हैं। सूत्रों का कहना है कि उस दिन इजरायल स्तब्ध रह गया था जब हमास के उग्रवादियों ने गाजा सीमा पर धावा बोला था। इजरायली अधिकारियों का कहना है कि हमास के इस हमले में उसके 1400 से अधिक लोग मारे गए थे। साथ ही इजरायल के इतिहास में सबसे भयानक इस हमले में 220 से अधिक लोगों को बंधक बना लिया। जिसके बाद इजरायल की गाजा पर बमबारी जारी है। हमास अधिकारियों का कहना है कि इजरायल के इस हमले में करीब 5,791 लोग मारे गए हैं।
मंगलवार के वामपंथी रुझान वाले हारेत्ज़ दैनिक में स्तंभकार अमोस हरेल ने लिखा, “इन अभियानों पर विवाद तनाव पैदा कर रहे हैं, खासकर प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और रक्षा मंत्री योव गैलेंट के बीच।” राज्य रेडियो ने “सेना में प्रमुख और वरिष्ठ रैंकों के बीच असंतोष” का उल्लेख किया, जिसमें हमास के आतंकवादियों द्वारा खूनी हमले को रोकने में विफल रहने के पारस्परिक आरोप लगाए गए।
सरकारी प्रेस कार्यालय से मंगलवार को जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया, “प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री और आईडीएफ चीफ ऑफ स्टाफ इजरायल स्टेट को हमास पर निर्णायक जीत दिलाने के लिए चौबीसों घंटे करीबी और पूर्ण सहयोग से काम कर रहे हैं। प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री और आईडीएफ चीफ ऑफ स्टाफ के बीच पूर्ण और पारस्परिक विश्वास है और लक्ष्य की स्पष्ट है।”
इज़रायल के इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर काउंटर-टेररिज्म (आईसीटी) थिंक टैंक के एक खुफिया विशेषज्ञ पैट्रिक बेटेन ने “जमीनी हमले के बारे में असहमति” की पुष्टि की। उन्होंने कहा, “लेकिन यह तथ्य कि गाजा पट्टी में बंधक बनाए गए हैं, यह सब कुछ जटिल बना देता है।” उन्होंने कहा, ‘इज़रायल इसका इंतज़ार कर रहा है कि कार्रवाई करने से पहले इस समस्या को कैसे हल किया जा सकता है।’
वहीं पकड़े गए और गाजा ले जाए गए लोगों के रिश्तेदारों ने तेल अवीव में गैलेंट के घर के बाहर प्रदर्शन किया है। इजरायली राजनीति के विशेषज्ञ अकिवा एल्डार ने जोर देकर कहा कि “इस भयानक नरसंहार से पैदा हुई भावनाओं के बाद प्रधानमंत्री नेतन्याहू और जनरल अलग-अलग सोचने लगे हैं”।
उन्होंने कहा कि इजरायल में अमेरिकी सैन्य कर्मियों की उपस्थिति का उद्देश्य किसी भी ऐसे कदम को रोकना है, जिसका मतलब अमेरिकियों सहित बंधकों की मौत हो सकती है। एल्डार ने कहा, यह नेतन्याहू और गैलेंट दोनों की प्रतिज्ञाओं पर नई रोशनी डालता है कि युद्ध समाप्त होने पर हमास का सफाया हो जाएगा। फिर भी, सेना प्रमुख हर्ज़ी हलेवी ने दोहराया कि उनका लक्ष्य हमास और उसके नेताओं को पूरी तरह से खत्म करना है। सेना के प्रवक्ता द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, उन्होंने सैनिकों से कहा, “हम दक्षिण में ग्राउंड ऑपरेशन के लिए अच्छी तरह से तैयार हैं।”