इजरायल और हमास के बीच चल रहे युद्ध के बीच ब्रिटेन के प्रधान मंत्री ऋषि सुनक ने अपने देश के अंदर किसी भी तरह के विरोधी आंदोलन या उकसाने की कार्रवाई के खिलाफ सख्त चेतावनी दी है। उन्होंने सोमवार को कहा कि ब्रिटेन की सड़कों पर “जिहाद का आह्वान” करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्हंने कहा, “हम अपने देश में यहूदी विरोधी भावना को कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे।” इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष की शुरुआत एक आतंकवादी हमले से शुरू हुआ था। इसमें अब तक हजारों लोग मारे जा चुके हैं।
प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने कहा, “जिहाद का आह्वान न केवल यहूदी समुदाय के लिए, बल्कि हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए भी खतरा है।” शनिवार को मध्य लंदन में फिलिस्तीन समर्थक रैली में लगभग 100,000 लोग शामिल हुए, इस दौरान लोगों को “जिहाद” के नारे लगाते हुए सुना गया।
उन्होंने एक्स पर लिखा, “इस सप्ताहांत हमने अपनी सड़कों पर नफरत देखी। जिहाद के आह्वान न केवल यहूदी समुदाय के लिए, बल्कि हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए भी खतरा हैं। हम अपने देश में यहूदी विरोधी भावना को कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे। और हम उम्मीद करते हैं कि सिर पर सवार उग्रवाद से निपटने के लिए पुलिस सभी आवश्यक कार्रवाई करेगी।”
ऋषि सनक ने कहा कि जो प्रदर्शनकारी “घृणित उग्रवाद” को दोहराते हैं, उन्हें “कानून के हिसाब से कठोरतम सजा मिलेगी” इस बीच, मेट्रोपॉलिटन पुलिस प्रमुख सर मार्क रोवले की इस बात के लिए आलोचना की गई कि विभाग के अधिकारी फिलिस्तीन समर्थक विरोध प्रदर्शन में “जिहाद” के नारे लगाने वालों को गिरफ्तार नहीं कर रहे थे।
उधर, अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, कनाडा और इटली के नेताओं ने फिलिस्तीनी आतंकवादी समूह हमास के खिलाफ खुद की रक्षा करने के इजरायल के अधिकार का समर्थन किया। हालांकि, उन्होंने इजरायल से अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानूनों का पालन करने और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह भी दोहराया। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन द्वारा कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज, इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक से फोन पर बातचीत करने के बाद व्हाइट हाउस ने रविवार को एक संयुक्त बयान जारी कर यह बात कही।