भारत-कनाडा के बीच तनातनी अभी भी बरकरार है, इसकी वजह खालिस्तान समर्थक रहे हैं। अब ऐसी भी खबरे हैं कि कनाडा के सरे में हिंदू समुदाय द्वारा आयोजित किए जा रहे विजयदशमी कार्यक्रम के दौरान खालिस्तानी समर्थक बखेड़ा खड़ा कर सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक खालिस्तान समर्थक समूह आयोजन स्थल पर हिंदुओं के प्रवेश को रोकने के लिए बड़े वाहन लाने की योजना बना रहे हैं। सूत्रों ने कहा, “पता चला है कि खालिस्तान समर्थक लोग उन प्रदर्शनकारियों को भी लाएंगे जो जनमत संग्रह के लिए 28 अक्टूबर के कार्यक्रम के लिए पहले से ही सरे में एकत्र हुए हैं।”
खालिस्तानी संगठन सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) के प्रमुख ने कनाडाई सिखों से 28 अक्टूबर को वैंकूवर में जनमत संग्रह के लिए इकट्ठा होने का आग्रह किया है ताकि इस पर मतदान किया जा सके कि क्या भारतीय उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के लिए जिम्मेदार हैं। सूत्रों के मुताबिक वे प्रमुख भारतीय नेताओं के पुतले जलाने की योजना भी बना रहे हैं। स्थानीय हिंदुओं ने कहा कि रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस कार्रवाई करने के लिए तैयार नहीं है क्योंकि उनका कहना है कि यह भारत और सिखों के बीच चल रहा तनाव है और कनाडा अभिव्यक्ति की आजादी देता है।
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबि खालिस्तानी समूह 1984 के बाद पैदा हुए युवा सिखों को कट्टरपंथी बनाने के लिए रेडियो स्टेशनों का उपयोग कर रहे हैं। समाचार एजेंसी पीटीआई ने भी बताया कि कनाडा के भीतर खालिस्तानी समर्थक हैं जो सिख युवाओं को उत्तरी अमेरिका में बसने के लिए लुभा रहे हैं और आसानी से प्रभावित कर रहे हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि वे अपने वीजा के लिए प्रायोजन की पेशकश कर रहे हैं, लेकिन उनका प्राथमिक इरादा इन व्यक्तियों को कनाडाई क्षेत्र के भीतर अपने खालिस्तान-संबंधित लक्ष्यों को आगे बढ़ाने में हेरफेर करना है।