इजरायल हमास के बीच चल रही जंग में चीन का रवैया आतंकी संगठन के पक्ष में दिख रहा था। 14 सौ (ज्यादातर नागरिक) से ज्यादा मौतों के बाद भी चीन ने हमास की आलोचना से गुरेज किया था। युद्ध पर अपने रुख को लेकर चीन को आलोचना का सामना भी करना पड़ रहा था। लेकिन अब शी जिनपिंग सरकार के रवैये में बदलाव दिखाई दे रहा है। चीन ने स्वीकार किया कि इजरायल को हमास के खिलाफ आत्मरक्षा का अधिकार है। खास बात है कि चीन के रवैये में बदलाव तब देखने को मिला जब जिनपिंग के विदेश मंत्री वांग यी वाशिंगटन की एक हाई-प्रोफाइल यात्रा की तैयारी कर रहे हैं।
ध्यान रहे कि इजरायल पर हमास के हमले के बाद जिनपिंग ने कहा था कि शांति बहाल करने के प्रयास किए जाने चाहिए। उन्होंने हमास का जिक्र तक नहीं किया। जबकि दुनिया के ज्यादातर देश इजरायल की हिमायत कर रहे हैं। उनका मानना है कि हमास का हमला पूरी तरह से निंदनीय है। सीनेट के बहुमत नेता चक शूमर ने चीन से इजरायल के साथ खड़े होने और हमलों की निंदा करने के लिए कहा। इसके कुछ घंटों बाद उन्होंने वांग पर इस कठिन परेशान समय के दौरान इजरायल के लिए कोई सहानुभूति या समर्थन नहीं दिखाने की आलोचना की।
पेंटागन ने एक मरीन कोर के जनरल समेत सेना के कई अफसरों को इजरायल की सहायता करने के लिए भेजा है। अमेरिका का कहना है कि सहायता अभियान का नेतृत्व मरीन कोर के लेफ्टिनेंट जनरल जेम्स ग्लिन कर रहे हैं। इससे पहले ग्लिन इस्लामिक स्टेट के खिलाफ विशेष अभियान बलों का नेतृत्व करने में मदद कर चुके हैं। उन्होंने इराक के फालुजा में भी अपनी सेवाएं दी थीं।
अमेरिकी रणनीति के तहत ग्लिन युद्ध में असैन्य नागरिकों को हो सकने वाले नुकसान से बचने के तरीके भी सुझाएंगे। इजराइल गाजा में बड़े पैमाने पर जमीनी हमले करने की तैयारी कर रहा है। NSA के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा कि इजराइल को सलाह देने वाले ग्लिन एवं अन्य सैन्य अधिकारियों के पास इजरायल द्वारा चलाए जा रहे अभियानों के लिए उपयुक्त अनुभव है। अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि सलाहकार लड़ाई में शामिल नहीं होंगे।