ओडिशा के ताकतवर IAS वीके पांडियन के VRS को केंद्र की मंजूरी मिल गई है। ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के पूर्व सहयोगी वीके पांडियन को कैबिनेट मंत्री के दर्जे के साथ 5 टी (Transformational Initiatives) का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। पांडियन के सरकारी सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने के 24 घंटे से भी कम समय में उनकी यह नियुक्ति हुई है।
सामान्य प्रशासन और लोक शिकायत विभाग ने कहा कि वीके पांडियन को कैबिनेट मंत्री के दर्जे के साथ 5 टी और नबीन ओडिशा का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। वह सीधे मुख्यमंत्री के अधीन काम करेंगे। पांडियन 2011 में मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) में आए थे। तब से वह पटनायक के निजी सचिव रहे हैं। पटनायक के 2019 में पांचवी बार मुख्यमंत्री बनने के बाद पांडियन को सरकारी विभागों में कुछ परिवर्तनकारी पहलों को लागू करने के लिए 5 टी सचिव की अतिरिक्त जिम्मेदारी दी गई थी।
केंद्र ने ओडिशा के प्रशासन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को एक पत्र भेजा है। इसमें कहा गया है कि उनकी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति को मंजूरी दे दी गई है। केंद्र सरकार के सचिव भूपेंद्र पाल ने पत्र में कहा कि पांडियन की स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के संबंध में 20 अक्टूबर 2023 को मिले पत्र के संदर्भ में मुझे उनकी सेवानिवृत्ति की मंजूरी के लिए सक्षम प्राधिकारी को अवगत कराने का निर्देश दिया गया है।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक पांडियन 2011 से सीएमओ में काम कर रहे हैं। उनको सीएमओ का सबसे कद्दावर अफसर माना जाता रहा। करियर की शुरुआत उन्होंने कालाहांडी जिले के धर्मगढ़ में सब-कलेक्टर के रूप में की थी। इसके बाद वह मुख्यमंत्री कार्यालय में पहुंचे। सीएमओ में उनकी कार्यशैली ने एक अलग छाप छोड़ी। इसी वजह से वो पटनायक के सबसे खास बन गए।
सरकारी हेलीकॉप्टर से वो सारे सूबे का दौरा करने के मामले में खासे बदनाम भी हुए। बीजू जनता दल के निष्कासित विधायक सौम्य रंजन पटनायक ने उन पर सरकारी खजाने से पैसा खर्च करके हेलीकॉप्टर यात्रा करने का आरोप लगाया था। उनका कहना था कि ये सरकारी पैसे का दुरुपयोग है। लेकिन सरकार का तर्क था कि पांडियन ने बेवजह हेलीकॉप्टर से ओडिशा का दौरा नहीं किया।