रविवार को सियाचीन में एक ऑपरेशन के दौरान शहीद हुए देश के पहले अग्निवीर अक्षय लक्ष्मण गावते बचपन से ही आर्मी में जाना चाहते थे। शहादत से दो दिन पहले उन्होंने अपने पिता से बातचीत की थी। इस दौरान उनके स्वास्थ्य का हालचाल पूछा था। लोगों को जैसे ही अपने बहादुर जवान की शहादत की जानकारी मिली, उनके घर महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले के पिंपलगांव सराय गांव में पहुंचने लगे। सोमवार को घर पर परिवार के लोगों को सांत्वना देने के लिए रिश्तेदारों के अलावा बड़ी संख्या में लोग पहुंच गये। हर कोई उनकी बहादुरी की चर्चा कर रहा था।
एएनआई से बातचीत में उनके पिता लक्ष्मण गावते ने बताया, “अक्षय ने बीकाम की डिग्री पूरी कर लेने के बाद आर्मी में भर्ती होने की इच्छा जताई थी। लेकिन हम बोलते थे कि आर्मी में नहीं जाना है। बीस अक्टूबर को आखिरी बार उससे बात हुई थी। इस दौरान अक्षय ने उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली। यह भी पूछा कि भाई कैसे हैं।” यह बताते हुए उनका गला रुंध जा रहा था। वे बड़ी मुश्किल से इतनी बात बता पाये।
अग्निवीर जवान अक्षय लक्ष्मण गावते की पोस्टिंग सियाचीन के जोखिम वाले इलाके में थी। रविवार को एक ऑपरेशन के दौरान वे शहीद हो गये। उनके अंतिम संस्कार के लिए सेना उनके शव को उनके गांव ले जा रही है। अग्निवीर अक्षय लक्ष्मण गावते का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा।
आर्मी ने एक ट्वीट में लिखा है कि जनरल मनोज पांडे और सभी आर्मी के अफसर अग्निवीर अक्षय लक्ष्मण की इस कुर्बानी को सलाम करते हैं। इस मुश्किल घड़ी में भारतीय सेना परिवार के साथ मजबूती से खड़ी है।
फिलहाल गांव में स्थानीय प्रशासन और सेना की ओर से तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। गांव के लोग अपने बहादुर जवान को अंतिम बार देखने के लिए बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।