समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शनिवार को मध्य प्रदेश में गठबंधन को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए सीटों के बंटवारे को लेकर इंडिया गठबंधन के दो प्रमुख दलों के बीच बिगड़ते संबंधों के बाद कांग्रेस के सबसे बड़े नेता ने सुलह के लिए उनसे संपर्क किया है। अखिलेश यादव ने कहा कि अगर वो कुछ कह रहे हैं तो उनकी बात माननी पड़ेगी।
इससे एक दिन पहले अखिलेश यादव ने जाति जनगणना के मुद्दे पर कांग्रेस की आलोचना की थी और एमपी के पूर्व सीएम कमलनाथ पर भी पलटवार किया था। हालांकि कांग्रेस सूत्रों ने कहा कि एक वरिष्ठ पदाधिकारी (राहुल गांधी के करीबी) ने अखिलेश से संपर्क किया था। हालांकि उन्होंने उस व्यक्ति के नाम का खुलासा नहीं किया।
जब कांग्रेस ने एमपी चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की तो कलह बढ़ गई थी। इसके बाद अखिलेश ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा था, “मुझे कांग्रेस के लोग बोल दें कि समाजवादी पार्टी से गठबंधन नहीं करना है लेकिन हमसे साजिश न करें। हमें धोखा ना दें। कांग्रेस को मुझे बताना चाहिए कि वे गठबंधन नहीं चाहते, उन्हें साजिशों में शामिल नहीं होना चाहिए। हमें धोखा मत दो। गठबंधन हो या न हो, जब भी कांग्रेस को जरूरत होगी, सपा उसके साथ खड़ी रहेगी।”
अखिलेश यादव ने कांग्रेस शासित सभी राज्यों में जाति जनगणना की घोषणा के लिए शुक्रवार को कांग्रेस की आलोचना की थी। उन्होंने कहा था, “यह वही कांग्रेस है जिसने जाति जनगणना के आंकड़े नहीं दिए। यह चमत्कार है कि अब कांग्रेस जाति जनगणना चाहती है। कांग्रेस को अब पता चल गया है कि जिस वोट की उन्हें तलाश थी वह अब उनके साथ नहीं है।”
कांग्रेस की पहली लिस्ट आने के बाद अखिलेश यादव ने आरोप लगाते हुए कहा था कि सपा नेताओं को रात 1 बजे तक मीटिंग में बिठाया गया, लेकिन उन्होंने लिस्ट जारी कर दी। अखिलेश यादव ने यह भी कहा कि 6 सीटों पर बात चल रही थी लेकिन उन्होंने उम्मीदवार घोषित कर दिए। अखिलेश ने यहां तक कह दिया कि अगर हमें पता होता कि राज्य में गठबंधन नहीं होगा तो हम पटना-मुंबई वाली मीटिंग में नहीं जाते।