इजरायल और हमास के बीच में जारी युद्ध और ज्यादा विस्फोटक हो चुका है। हर घंटे जिस तरह से सायरन बजते हैं, जिस तरह से हर इलाके में बमबारी देखने को मिल रही है, स्थिति आने वाले दिनों में और ज्यादा बिगड़ सकती है। शुरुआती दिनों के बाद कहा जा रहा था कि इजरायल हर कीमत पर गाजा पर कब्जा करना चाहता है। उसे हमास को हराकर एक और इलाके को इजरायल का हिस्सा बनाना है। लेकिन उन अटकलों के बीच युद्ध के 13 दिन बाद एक बडी चीज सामने आई है।
इजरायल के रक्षा मंत्री योव गैलेंट ने देश के सांसदों को संबोधित करते हुए पहली बार स्पष्ट कर दिया है कि हमास के सफाए के बाद भी गाजा पर कोई कब्जा नहीं किया जाएगा, बल्कि इजरायल तो गाजा पट्टी पर रह रहे लोगों की सुरक्षा के बोझ से मुक्त हो जाएगा। इस बयान के बड़े मायने निकाले जा रहे हैं क्योंकि इजरायल की सेना इस समय गाजा पट्टी के चारों-तरफ खड़ी हुई है। एक आदेश मिलते ही आक्रमण की पूरी तैयारी कर ली गई है।
अब पता ये चला है कि आक्रमण तो किया जाएगा, लेकिन गाजा के लोगों को बंधन बनाने या फिर वहां पर कब्जा करने की कोई तैयारी नहीं है। रक्षा मंत्री ने जोर देकर बताया है कि तीन चरण बाद ही हमास का पूरी तरह से सफाया संभव रहेगा। उनके मुताबिक पहले चरण के तहत हवाई और जमीनी हमले से हमास के ठिकानों को तबाह किया जाएगा। दूसरी चरण में उन इलाकों पर नियंत्रित करने की कोशिश होगी जहां सबसे ज्यादा प्रतिरोध होगा। आखिर में गाजा पट्टी के लोगों को मुक्त कर दिया जाएगा और तब होगी सुरक्षा की जिम्मेदारी लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
यहां ये समझना जरूरी है कि इजरायल की नजरों में हमास कोई सरकार या कह लीजिए फिलिस्तीन का प्रतिनिधित्व करने वाला कोई संगठन नहीं है, बल्कि उसकी नजरों में हमास एक आतंकी गुट है जिसने सिर्फ नफरत और हैवानियत की हदें पार करने का काम किया है। वैसे हमास को लेकर तो लगातार ऐसे खुलासे हो रहे हैं जो ये बताने के लिए काफी हैं कि ये संगठन कितना खतरनाक है।
एक रिपोर्ट में बताया गया है कि जब इजरायल पर सात अक्टूबर को हमला किया गया था, तब हमास के लड़ाके नशे में थे। उनकी तरफ से कुछ नशीली दवाइयां ली गई थीं, उसके बाद ही हमले को अंजाम दिया गया। बताया गया कि उस ड्रग के जरिए देर तक नींद नहीं आती और डर भी कुछ कम हो जाता है। बड़ी बात ये है कि इस ड्रग का इस्तेमाल कई दूसरे मिडिल ईस्ट देशों मेंं भी हो रहा है, गाजा में इसका सबसे बड़ा मार्केट चल रहा है।