Canada Visa Update: खालिस्तान के मुद्दे पर भारत और कनाडा के संबंधों में खटास आ चुकी है। अब खबर ये है कि कनाडा ने भारत सरकार के निर्देश के बाद अपने 41 डिप्लोमेट्स को वापस बुला लिया है। इतना ही नहीं कनाडा की तरफ से चंडीगढ़, मुंबई और बेंगलुरु में स्थित अपने वाणिज्य दूतावास पर वीजा और कांसुलर सेवाएं बंद कर दी है।
कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली का कहना है कि उनके देश के 41 डिप्लोमेट्स को मिली छूट वापस लेने की भारत की धमकी के बाद उन्होंने राजनयिकों और उनके परिवारों को वापस बुला लिया गया है। पिछले महीने ही कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने आरोप लगाया था कि 45 वर्षीय खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की ब्रिटिश कोलंबिया में 18 जून को हुई हत्या में भारतीय एजेंट्स का हाथ होने की संभावना है। भारत ने निज्जर को 2020 में आतंकवादियों की सूची में शामिल किया था।
भारत के तीन शहरों में वीजा और कांसुलर सेवाओं को बंद होने के बाद अब कनाडा के लिए भारतीय वीज़ा एप्लिकेशनंस में कमी आएगी। इन वीज़ा एप्लिकेशनंस में एक बहुत बड़ा हिस्सा भारतीय छात्रों का है जो कनाडाई यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करना चाहते हैं।
31 दिसंबर 2022 के डाटा के अनुसार, करीब 3 लाख 20 हजार भारतीय छात्र कनाडा में रजिस्टर्ड हैं। इनमें से 2,09,930 छात्र कनाडा में ग्रेजुएशन कर रहे हैं। 80,270 छात्र पोस्ट ग्रेजुएट की डिग्री ले रहे हैं जबकि 28,930 डिप्लोमा और सर्टिफिकेट्स के लिए पढ़ाई करेंगे।
साल 2022 में, कनाडा में PR, अस्थायी विदेशी वर्कर्स और इंटरनेशनल छात्रों के मामले में भारत टॉप पर था। कनाडा द्वारा भारतीयों को छात्र वीजा जारी करने का सिलसिला 2015 से लगातार बढ़ रहा है।
आपको बता दें कि अमेरिका के बाद सबसे ज्यादा भारतीय छात्र कनाडा में पढ़ाई कर रहे हैं। 31 दिसंबर 2022 तक भारत के बाहर पढ़ाई कर रहे छात्रों में से 39.5 कनाडा में हैं। इसके अलावा बड़ी संख्या में भारतीय छात्र पढ़ाई के लिए यूके, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड का रुख करते हैं।
कनाडा में कई लेवल पर और विभिन्न विषयों की क्वालिटी एजुकेशन अंग्रेजी में उपलब्ध है। इसके अलावा वहां की सरकार ने भी विदेशी छात्रों को आकर्षित करने के लिए सक्रिय रूप से काम किया है। साल 2022 में कनाडा ने स्टूडेंट डायरेक्ट स्ट्रीम लॉन्च किया। यह भारत, चीन, फिलीपींस और वियतनाम के छात्रों के लिए एक फास्ट-ट्रैक वीज़ा प्रोसेसिंग प्रोग्राम है।
अप्रैल 2023 में कनाडा ने पोस्ट-ग्रेजुएशन वर्क परमिट एक्सटेंशन कार्यक्रम की घोषणा की, जिसके तहत इंटरनेशनल स्टूडेंट्स ग्रेजुएशन पूरी होने के बाद तीन साल तक रह सकते हैं, वर्क एक्सपीरियंस प्राप्त कर सकते हैं और संभावित रूप से कनाडा में एक सुरक्षित नौकरी प्राप्त कर सकते हैं।
इंडियन स्टूडेंट्स जब कनाडा पढ़ाई करने जाते हैं तो वो ट्यूशन फीस के अलावा फूड, रेंटल और ट्रांसपोर्ट पर होने वाले खर्च के जरिए कनाडाई इकोनॉमी में महत्वपूर्ण देते हैं। कनाडा में इंटरनेशल स्टूडेंट्स के लिए ट्यूशन फीस आम तौर पर घरेलू छात्रों द्वारा भुगतान की जाने वाली फीस से दो से तीन गुना अधिक है। एक अनुमान के मुताबिक, इंडियन स्टूडेंट्स हर साल कनाडा की इकोनॉमी में लगभग 10 बिलियन कनाडाई डॉलर का योगदान करते हैं।
कनाडा दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश है लेकिन जनसंख्या बेहद कम है। यहां की जनसंख्या 4 करोड़ से कम है। कनाडा आमतौर पर करीब-करीब सभी आप्रवासियों का स्वागत करता है। इसका फायदा कनाडा की इकोनॉमी को होता है। साल 2022 में कनाडा में करीब 3,70,000 नौकरियों के लिए इंटरनेशल स्टूडेंट्स चुने गए। इनमें से भारतीय छात्रों की संख्या 1,70,000 थी।