मथुरा के वृंदावन में प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर में भक्तों की भीड़ को नियंत्रित करने और परिसर में मोबाइल फोन के इस्तेमाल को रोकने के लिए जिला प्रशासन ने एक निजी एजेंसी के माध्यम से नई योजना शुरू की है। इस योजना के तहत श्रद्धालुओं को मंदिर परिसर में फोन से तस्वीरें लेने, सेल्फी लेने, रील बनाने, वीडियो बनाने आदि की अनुमति नहीं मिल सकेगी।
SSP मथुरा शैलेश कुमार पांडे ने बताया, “जो लोग बांके बिहारी मंदिर परिसर में आते हैं, उनमें से अधिकतर के पास कैमरे होते हैं। अंदर फोटो न खींचने को लेकर निर्देश भी दिए गए हैं। इसके बावजूद वे लोग फोटो खींचते हैं और रील वीडियो बनाते हैं। इससे बाकी श्रद्धालुओं को भी परेशानी होती है। इसे रोकने के लिए एक एजेंसी ने मोबाइल पाउच सिस्टम शुरू किया है। इस पाउच में रखे मोबाइल को श्रद्धालु मंदिर परिसर में नहीं खोल पाएंगे। इससे दूसरे श्रद्धालुओं को टोकने की जरूरत नहीं पड़ेगी। मोबाइल भी सुरक्षित रहेगा और उसका दुरुपयोग भी नहीं हो सकेगा।”
प्रशासन ने 18 अक्टूबर को इसके लिए पहली बार ट्रायल शुरू किया। इसके तहत मंदिर में जाने वाले भक्तों के मोबाइल फोन को लाल रंग के एक पैकेट में डालकर लॉक कर दिया गया। जब वे बाहर निकले तो उनके फोन को अनलॉक कर दिया गया। निजी एजेंसी पीएसए डिजिटल इंडिया ने ही इस पूरी प्रक्रिया को पूरा किया। एजेंसी ने बाद में आम श्रद्धालुओं से उनके अनुभव भी पूछे।
एजेंसी की ओर से बताया गया कि बांके बिहारी मंदिर में प्रवेश से पहले भक्तों के मोबाइल को लाल रंग के एक डिजिटल पाउच में डाल दिया गया। पाउच में एक कोड की मदद से फोन लॉक कर दिया गया। श्रद्धालु मंदिर परिसर में तभी जा सकेंगे, जब मोबाइल लॉक हो जाएगा। पाउच से मोबाइल न तो बाहर निकल सकता है और न ही अनलॉक होगा। बाहर निकलने के बाद एजेंसी के कार्यकर्ता फोन को अनलॉक कर देंगे। इसके बाद वे अपना फोन पहले की तरह ही इस्तेमाल कर सकेंगे।
देश के सभी प्रमुख धर्मस्थलों और तीर्थस्थानों पर आम तौर पर सुरक्षा की दृष्टि से मोबाइल फोन के इस्तेमाल पर रोक रहती है। कई बार आम लोग सुरक्षा निर्देशों की अवहेलना करके तस्वीरें लेने और वीडियो बनाने में जुटे रहते हैं। इससे दूसरे श्रद्धालुओं को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।