Kinzhal Hypersonic Missile: इजरायल और हमास के बीच पिछले 13 दिनों से जंग जारी है। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के बाद अब ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक भी आज इजरायल पहुंचेंगे। जो बाइडेन ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। अमेरिका पहले ही अपना सैन्य बेड़ा इजरायल के लिए रवाना कर चुका है। इस बात से रूस को चिंता बढ़ गई है। रूस ने भी ब्लैक सी में किंजल हाइपरसोनिक मिसाइल तैनात कर दी हैं।
रूस की किंझल मिसाइल एक हाइपरसोनिक मिसाइल है, जिसकी स्पीड साउंड की स्पीड से 10 गुना ज्यादा है। यानी कि यह मिसाइल जब फायर की जाती है, तो इसकी स्पीड के कारण कोई भी ट्रैकिंग सिस्टम से ट्रैक नहीं कर सकता। इस मिसाइल की रफ्तार 6,100 से 12,348 किलोमीटर प्रति घंटा होती है। दावा किया जाता है कि यह मिसाइल दुनिया के किसी भी एयर डिफेंस सिस्टम को चकमा दे सकती है।
इस मिसाइल की सबसे खास बात है कि इसे हवा से लांच किया जा सकता है। इसमें एक बार में 1000 पाउंड के विस्फोटक या 500 किलोटन के परमाणु बम लोड किए जा सकते हैं। यह मिसाइल 1500 से 2000 किलोमीटर तक की दूरी के टारगेट को आसानी से तबाह कर सकती है। रूस की किंजल मिसाइल 1 सेकंड में 3 किलोमीटर की स्पीड से अपने टारगेट पर हमला करती है। इस मिसाइल को रूस ने Mig-31k और Tu-22M3 फाइटर एयरक्राफ्ट में तैनात किया है।
रूस ने यूक्रेन पर हमले के लिए भी इस मिसाइल का इस्तेमाल किया था। कीव तक इससे कई हमले किए गए। हालांकि यूक्रेन ने दावा किया कि उसने रूस की 6 किंजल मिसाइल को नष्ट कर दिया। इनहात ने सोशल मीडिया ऐप ‘टेलीग्राम’ पर बताया कि छह ‘किंजल’ एयरो-बैलिस्टिक मिसाइल मिग-31के विमान से दागी गईं और काला सागर में मौजूद जहाजों से नौ क्रूज मिसाइल और तीन जमीन आधारित एस-400 क्रूज मिसाइलों से राजधानी को निशाना बनाया गया।
काला सागर उत्तर और उत्तर पश्चिम में यूक्रेन, पूर्व में रूस तथा जॉर्जिया, दक्षिण में तुर्की एवं पश्चिम में बुल्गारिया व रोमानिया से घिरा हुआ है। एक तरह से अमेरिका, इजरायल के समर्थन में तो खड़ा ही है। दूसरी ओर वह रूस को भी समुद्री सीमा पर सीधा निशाना बना रहा है। इस इलाके के समुद्री भौगोलिक स्थिति पर नजर डालें तो यह बोस्पोरस जलडमरूमध्य के जरिए मरमारा सागर से तथा डारडेनेल्स जलडमरूमध्य के माध्यम से एजियन सागर से जुड़ा है। भूमध्य सागर से काला सागर की भूरेखीय दूरी 1700 किमी ही है. इस तरह अमेरिका ने रूस के नजदीक अपना सैन्य बेड़ा उतार दिया है। रूस को डर है कि अमेरिका एक बार इस इलाके में आ जाता है और अपना प्रभाव बना लेता है तो यह रूस के लिए चुनौती भरा साबित हो सकता है।