चंद्रयान-3 की सफलता के बाद भारत की नजर गगनयान मिशन पर हैं। इसकी तैयारी बहुत तेजी से चल रही है। तैयारियों का जायजा लेने और भारत के अंतरिक्ष प्रयासों के भविष्य की रूपरेखा तैयार करने के लिए पीएम मोदी ने उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की है, जिसमे इसरो प्रमुख के अलावा कई उच्च स्तरीय अधिकारी मौजूद थे। यहां इसरो चीफ समेत सभी अधिकारियों ने पीएम को मिशन से जुड़ी कई जानकारी दी हैं।
गगनयान मिशन पर पीएम मोदी की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय बैठक के दौरान अंतरिक्ष विभाग ने मिशन का एक खाका पेश किया है, जिसमें अब तक विकसित अलग-अलग टेक्नोलोजी से जुड़ी जानकारी साझा की गई है। मानव-रेटेड लॉन्च वाहन और सिस्टम से जुड़े अपडेट भी पीएम के सामने रखे गए हैं। यह नोट किया गया कि ह्यूमन रेटेड लॉन्च व्हीकल (HLVM3) के 3 अनक्रूड मिशनों सहित लगभग 20 प्रमुख परीक्षणों की योजना बनाई गई है। बैठक में मिशन की तैयारी का मूल्यांकन किया गया, 2025 में इसके लॉन्च की पुष्टि की गई है।
#WATCH | PM Modi chairs high-level meeting to assess the progress of Gaganyaan Mission and to outline the future of India’s space exploration endeavours pic.twitter.com/kVwhBdLiI0
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने सोमवार को अपने मिशन गगनयान के लिए परीक्षण उड़ान कार्यक्रम की घोषणा कर दी है। इसरो ने एक्स पर लिखा “मिशन गगनयान: टीवी-डी1 टेस्टिंग उड़ान 21 अक्टूबर, 2023 को एसडीएससी-एसएचएआर श्रीहरिकोटा से सुबह 7 बजे से 9 बजे के बीच निर्धारित है। इसरो ने क्रू मॉड्यूल (CM) की तस्वीरें भी साझा की हैं जो अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में ले जाएगा।
पीएमओ ने कहा, “बैठक में मिशन की तैयारी का मूल्यांकन किया गया है। 2025 में इसके लॉन्च की पुष्टि की गई, पीएम ने चंद्रयान -3 और आदित्य एल 1 मिशन सहित पिछली भारतीय अंतरिक्ष पहल की सफलताओं के आधार पर और अधिक महत्वाकांक्षी लक्ष्य भी निर्धारित किए हैं। उन्होंने DoS को 2035 तक भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करने और 2040 तक चंद्रमा पर पहला भारतीय अंतरिक्ष यात्री भेजने की दिशा में काम करने का निर्देश दिया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2018 को लाल किला से मानवरहित अंतरिक्ष मिशन की घोषणा की थी। इसके बाद से ही इसरो ने गगणयान मिशन पर काम तेजी से शुरू कर दिया। इस मिशन के तहत इसरो तीन एस्ट्रोनॉट (अंतरिक्ष यात्री) को पृथ्वी के लोअर ऑर्बिट में भेजने की कोशिश करेगा। गगनयान मिशन तीन दिन तक पृथ्वी की कक्षा का चक्कर लगाएगा और इसकी समुद्र में सुरक्षित लैंडिंग की जाएगी।
तीन सदस्यों के एक दल को तीन दिन तक पृथ्वी की 400 किमी की कक्षा में भेजा जाएगा। गगनयान मिशन को बनाने में इसरो ने डीआरडीओ और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड से भी मदद ली है। इसरो सफलपूर्वक एस्ट्रोनॉट को अंतरिक्ष में भजने में कामयाब हो गया तो अमेरिका, रूस और चीन के बाद चौथा देश बन जायेगा जो मानव को अंतरिक्ष में भेजेगा। गगनयान को इसरो के बाहुबली रॉकेट लॉन्च व्हीकल मार्क-III से लॉन्च किया जाएगा। इसे बाहुबली रॉकेट भी कहा जाता है।