महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर जिले में समृद्धि एक्सप्रेसवे पर एक भीषण सड़क हादसा हुआ है। रविवार सुबह तेज स्पीड से आ रही एक मिनी बस ने एक कंटेनर को टक्कर मार दी, जिसमें कम से कम 12 लोगों की मौत हो गयी और 23 अन्य घायल हो गए। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि प्राइवेट बस में 35 यात्री सवार थे। पीएम मोदी ने दुर्घटना में घायलों और मृतकों के लिए मुआवजे का ऐलान किया है
पुलिस अधिकारी ने बताया कि यह हादसा जिले में एक्सप्रेसवे के वैजापुर इलाके में देर रात करीब साढ़े 12 बजे हुआ, यह स्थान मुंबई से करीब 350 किलोमीटर दूर है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि बस चालक ने वाहन पर से नियंत्रण खो दिया, जिसकी वजह से बस ने पीछे से कंटेनर को टक्कर मार दी। उन्होंने बताया कि हादसे में 12 यात्रियों की मौत हो गयी। मृतकों में पांच पुरुष, छह महिलाएं और एक नाबालिग लड़की शामिल है। अधिकारी ने बताया कि 23 अन्य यात्री घायल हो गए हैं और उन्हें एक सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छत्रपति संभाजीनगर जिले में हुई एक दुर्घटना में लोगों की मृत्यु पर दुख व्यक्त करते हुए प्रत्येक मृतक के परिजनों को PMNRF से 2 लाख रुपए की अनुग्रह राशि और घायलों को 50 हजार रुपए देने की घोषणा की।
जानकारी के मुताबिक, यात्री बस तीर्थयात्रा के बाद बुलढाणा से छत्रपति संभाजीनगर (औरंगाबाद) होते हुए नासिक जा रही थी। अधिकारी ने कहा, “कंटेनर बुलढाणा से छत्रपति संभाजीनगर आ रहा था और हाइवे के किनारे कुछ देर के लिए रुकी थी, अचानक बस ने उसे पीछे से टक्कर मार दी।” यात्री बुलढाणा में प्रसिद्ध सैलानी बाबा दरगाह पर दर्शन करने के बाद नासिक की ओर जा रहे थे। अधिकारी ने बताया कि घायलों को छत्रपति संभाजीनगर के अस्पतालों में, कुछ को नासिक और कुछ गंभीर मामलों को पुणे के अस्पतालों में ले जाया गया है।
स्थानीय लोगों ने इस दुर्घटना की सूचना पुलिस को दी। सूचना पाकर पुलिस और कई एंबुलेंस मौके पर पहुंची और घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया। टक्कर इतनी जबर्दस्त थी कि कंटेनर वाहन के आगे के हिस्से के परखच्चे उड़ गए। इंस्पेक्टर, वैजापुर पुलिस ने बताया कि 17 घायलों का छत्रपति संभाजीनगर में इलाज चल रहा है जबकि 6 घायलों को इलाज के लिए वैजापुर के ग्रामीण अस्पताल भेजा गया है।
शिवसेना (UBT) सांसद संजय राउत ने कहा, “यह सरकार जवाबदारी नहीं ले रही है। ये जो समृद्धि महामार्ग बना है ये जनता के लिए नहीं ठेकेदार और उनसे मिलने वाले कमिशन के लिए बना है। अब तक लगभग 1 हजार लोग वहां या तो मरे हैं या जख्मी हुए हैं लेकिन इन्होंने क्या किया? किसने जिम्मेदारी ली? इस विभाग के मंत्री का इस्तीफा लेना चाहिए। वे 6 महीने से क्या कर रहे हैं?”