छत्तीसगढ़ चुनाव के लिए कांग्रेस ने पहली लिस्ट जारी करके बीजेपी पर बढ़त बना ली है। हालांकि पार्टी ने 8 मौजूदा विधायकों के टिकट काटे हैं। लेकिन दिग्गजों की सीट बरकरार रखी गई है। खास बात है कि सूबे की सियासत में बीजेपी अभी तक अंदरूनी खींचतान में उलझी है।
पहली लिस्ट में 30 उम्मीदवारों के नाम जारी करके पार्टी दिखा रही है कि उसे भाजपा पर बढ़त मिल चुकी है। बीजेपी अभी भी अपने पैर जमाने के लिए संघर्ष कर रही है। 2018 के चुनावों में 90 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस ने 68 सीटें जीती थीं। भाजपा को 15 सीटें मिली थीं। कई उपचुनावों के बाद कांग्रेस की संख्या 71 तक पहुंच गई जबकि भाजपा की सीटें घटकर 13 रह गईं।
जिन 14 दिग्गजों की उम्मीदवारी घोषित की गई है उनमें मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (पाटन), उपमुख्यमंत्री टीएस सिंह देव (अंबिकापुर), विधानसभा अध्यक्ष चरण दास महंत (सक्ती), कैबिनेट मंत्री अमरजीत भगत (सीतापुर-एसटी), उमेश पटेल (खरसिया) शामिल हैं। अन्य बड़े नेताओं में जय सिंह अग्रवाल (कोरबा), शिवकुमार डहरिया (आरंग-एससी), अनिला भेंडिया (डोंडी लोहारा-एसटी), ताम्रध्वज साहू (दुर्ग ग्रामीण), रवींद्र चौबे (साजा), गुरु रुद्र कुमार (नवागढ़-एससी), मोहम्मद अकबर (कवर्धा), मोहन मरकाम (कोंडागांव) और कवासी लखमा (कोंटा) के नाम शामिल है।
जिन आठ विधायकों का टिकट काटा गया है उनमें कुछ बड़े नाम भी शामिल हैं। कांकेर में पूर्व आईएएस अधिकारी शिशुपाल शोरी की जगह पूर्व विधायक शंकर ध्रुव को टिकट दिया गया है। दंतेवाड़ा में पार्टी ने सलवा जुडूम विरोधी नक्सल मिलिशिया शुरू करने वाले महेंद्र कर्मा की पत्नी देवती कर्मा की जगह उनके बेटे छविंद्र को मैदान में उतारा है। ध्यान रहे कि 2013 में सुकमा के झीरम घाटी हमले में माओवादियों ने महेंद्र और कई वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं की हत्या कर दी थी। देवती ने 2013 का चुनाव जीता। लेकिन पांच साल बाद भाजपा के भीमा मंडावी से हार गईं। लेकिन 2019 के नक्सली हमले में मंडावी के मारे जाने के बाद देवती ने मंडावी की पत्नी के खिलाफ उपचुनाव जीता था।
पंडरिया विधायक ममता चंद्राकर की जगह नीलकंठ चंद्रवंशी को मैदान में उतारा गया है। आरक्षित डोंगरगढ़ में भुनेश्वर बघेल की जगह हर्षिता बघेल नई उम्मीदवार हैं। खुज्जी में विधायक छन्नी चंदू साहू ने भोला राम साहू के लिए रास्ता बनाया है। साहू ने 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ा था। लेकिन हार गए थे। अंतागढ़ में विधायक अनूप नाग को टिकट नहीं दिया गया। उनकी जगह रूप सिंह पोटाई को टिकट दिया गया है।