इजरायल हमास के बीच चल रहे संघर्ष में लेबनान बेस्ड आतंकी संगठन हिजबुल्लाह भी उतरने को तैयार है। संगठन का कहना है कि वो हालात पर नजर बनाए हुए है। सही समय आने पर फैसला लिया जाएगा कि कब से हम अपना एक्शन शुरू करें। हिजबुल्लाह को ईरान और लेबनान का समर्थन है। इजरायल के साथ पहले भी वो दो-दो हाथ कर चुका है। मौजूदा समय में भी उसने इजरायल की कुछ जगहों पर गोलीबारी की है।
हिजबुल्लाह के डिप्टी चीफ नईम कासेम ने मीडिया से कहा कि वो सारे हालात पर नजर रख रहे हैं। जब उनको लगेगा कि ये समय सही है तो वो फिलीस्तीन समर्थित संगठन हमास के साथ मिलकर इजरायल की सेना को सबक सिखाएंगे। नईम कासेम का बयान ऐसे समय में आ रहा है जब हमास ने लड़ाई के 7वें दिन इजरायल की सीमा में घुसकर तकरीबन 13 सौ लोगों को मार दिया। इजरायल ने भी जवाबी कार्रवाई में गाजा पट्टी में हमला करके 19 सौ से ज्यादा लोगों को मार दिया। फिलीस्तीन के स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि इजरायल की सेना की गोलीबारी में सिविलियन मारे गए हैं।
उधर, अमेरिकी सांसदों ने कहा है कि हमास की ओर से किया गया हमला यूरोप में यहूदियों के जनसंहार के बाद से उन पर किया गया सबसे जानलेवा हमला है। सांसदों ने यह बात इजराइल और हमास के बीच चल रहे संघर्ष को लेकर कही। उनका कहना था कि लड़ाई खतरनाक हो चुकी है।
सांसद जैमी रस्किन ने फउंडेशन फॉर इंडिया एंड इंडियन डायस्पोरा स्टडीज (FIIDS) की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि इजराइल में नागरिकों के ऊपर हमास की ओर से किए गए आतंकी हमले यूरोप में यहूदियों के नरसंहार के बाद से सबसे अधिक व्यापक और जानलेवा हैं। भारतीय-अमेरिकियों के एक समूह को संबोधित करते हुए रस्किन ने कहा कि हमास और फिलीस्तीन के लोगों के बीच फर्क करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हमास फिलिस्तीन के लोगों के लिए नहीं बोलता है। इसी तरह फिलिस्तीन के लोग हमास के अपराधों के लिए जिम्मेदार नहीं हैं।