Delhi-NCR Water Crisis: दिल्ली-एनसीआर और नोएडा में अगले कुछ दिनों तक पानी की दिक्कत होने वाली है। अक्टूबर महीने में गंगनहर की सफाई शुरू हो गई है, जिसके चलते आगामी 20 दिन तक देश की राजधानी दिल्ली के साथ-साथ उत्तर प्रदेश के नोएडा और गाजियाबाद में भी गंगा जल की सप्लाई बाधित रहेगी।
बताया जा रहा है कि नोएडा और गाजियाबाद की करीब 20 लाख लोगों को दिक्कत होगी क्योंकि हरिद्वार से गंगनहर का पानी रोक दिया जाएगा। हालांकि, गाजियाबाद में नगर निगम द्वारा नलकूप से पानी की आपूर्ति की जाएगी जो अपर्याप्त होगी।
मिली जानकारी के अनुसार, आगामी 24 अक्तूबर से 14 नवंबर गंगनहर की सफाई कराने की योजना है, जिसके चलते दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद के कई इलाकों में गंगाजल की आपूर्ति बाधित रहेगी।इस कारण लोगों को करीब 20 दिनों तक पानी की किल्लत का सामना करना पड़ेगा। हरिद्वार से गंगनहर के माध्यम से गाजियाबाद के प्रताप विहार प्लांट तक गंगाजल पहुंचता है। पानी की सफाई कर नोएडा और गाजियाबाद में इसकी आपूर्ति की जाती है।
गंगाजल बंद होने पर प्राधिकरण के पास दो से तीन दिन का बैकअप होता है इसलिए सप्लाई बंद होने के बाद भी शहरवासियों को दो-तीन दिन तक पानी मिलता रहेगा। वहीं, सफाई होने के बाद भी जब 14 नवंबर को हरिद्वार से पानी छोड़ा जाएगा तो उसे यहां पहुंचने में लगभग 72 घंटे लगते हैं। इस कारण शहरवासियों को करीब 20 दिन तक पानी की सप्लाई प्रभावित होगी।
हर साल बारिश के बाद गंगनहर से गाद निकालने के लिए हरिद्वार से पानी की आपूर्ति कम की जाती है, जिसका असर दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद में पड़ता है।जानकारी के मुताबिक, 17 नवंबर से ही दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद में पानी की आपूर्ति सुचारू हो पाएगी। नोएडा के 26 सेक्टरों के लाखों लोगों को गंगाजल की आपूर्ति होती है। एक अनुमान के अनुसार, इन सेक्टरों में करीब 6 लाख लोग रहते हैं, जो 20 दिनों तक पानी की किल्लत का सामना करेंगे।
नोएडा अथॉरिटी के जल विभाग अधिकारी ने बताया कि शहर में हर दिन करीब 400 MLD पानी की खपत होती है। इसमें 250 एमएलडी गंगाजल गाजियाबाद से आता है। हर वर्ष गंग नहर की सफाई के चलते नहर का पानी की आपूर्ति लगभग 20 दिन बंद रहती है। इस दौरान शहर में हाई टीडीएस की समस्या बनी रहती है। उन्होंने बताया कि पूरी कोशिश है कि कहीं पर पानी का संकट न होने पाए। गंगाजल की सप्लाई न होने से कुछ इलाकों में प्रेशर की समस्या जरूर हो सकती है। लेकिन, उसको भी दूर करने की कोशिश की जा रही है। जहां पर भी पानी की समस्या होगी, वहां टैंकर भेजे जाएंगे।