उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन की रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के साथ नजदीकी अमेरिका को रास नहीं आ रही है। 12 अक्टूबर को परमाणु हथियारों से लैस एक स्पेशल एयरक्राफ्ट दक्षिण कोरिया की धरती पर पहुंच गया है। इस विमान के साथ अमेरिकी सेना दक्षिण कोरिया के साथ मिलकर सैन्य अभ्यास करेगी। अमेरिका का ये कदम किम को चेतावनी के तौर पर देखा जा रहा है। किम साफ कर चुके हैं कि वो रूस के साथ रणनीतिक सहयोग से पीछे नहीं हटने जा रहे हैं।
ध्यान रहे कि हाल ही में विशेष ट्रेन के जरिये किम रूस की धरती पर पहुंचे थे। उनकी पुतिन के साथ खास मुलाकात हुई। उसके बाद उन्होंने रूस के कई ऐसे कारखानों का दौरा किया जो हथियार बनाने का काम करते हैं। माना जा रहा है कि किम रूस से हथियारों की तकनीक हासिल करना चाहता है। जबकि इसके बदले में वो रूस को परंपरागत हथियार मुहैया कराएगा। ये हथियार यूक्रेन से लड़ाई में काम आएंगे। किम ने साफ लहजे में कहा कि वो रूस के साथ सैन्य सहयोग करना चाहता है।
उत्तर कोरिया को लेकर अमेरिका काफी लंबे समय से नाराज चल रहा है। लेकिन किम जब रूस पहुंचे तो अमेरिका का गुस्सा सांतवे आसमान पर जा पहुंचा। यही वजह है कि अमेरिका किम के देश को सबक सिखाने पर आमादा है। अमेरिका चाहता है कि किम रूस के नजदीक ना जाएं। लेकिन किम किसी भी तरह से अपने कदम वापस लेने का तैयार नहीं हैं। उत्तर कोरिया और रूस दोनों ही संयुक्त राष्ट्र के कई प्रतिबंधों का सामना कर रहे हैं।
किम साफ कह चुका है कि वो रूस और चीन से अपनी दोस्ती तोड़ने नहीं जा रहा है। पहले भी जब अमेरिका के राष्ट्रपति रहे डोनाल्ड ट्रम्प ने किम को चेतावनी दी थी तो वो ट्रेन के जरिये शी जिनपिंग से मुलाकात करने जा पहुंचे थे। अमेरिका की त्यौरियां उस समय भी चढ़ गई थीं।