भारत के मोस्टवांटेड आतंकियों में से एक शाहिद लतीफ को पाकिस्तान में गोली मारकर हत्या कर दी गई है। सियालकोट में उसे अज्ञात हमलावरों ने गोलियों से भून दिया। हमलावरों की अभी तक पहचान नहीं हो सकी है। यह पठानकोट हमले के बाद से ही एनआईए की रडार पर था। इसके ऊपर यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया गया था। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के गुजरांवाला के रहने वाला शाहिद जैश -ए-मोहम्मद से जुड़ा हुआ था। वह सियालकोट सेक्टर का कमांडर था।
शाहिद लतीफ जैश-ए-मोहम्मद का लॉन्चिंग कमांडर था। यह भारत में संगठन के आतंकवादियों को लॉन्च करने की निगरानी करता था और भारत में आतंकवादी हमलों की योजना बनाने, सुविधा प्रदान करने और उन्हें अंजाम देने में भी शामिल था। शाहिद लतीफ को 12 नवंबर 1994 को गिरफ्तार किया गया था। वह 16 साल तक भारत की जेल में रहा। सजा पूरी होने के बाद उसे 2010 में बाघा बॉर्डर के रास्ते पाकिस्तान में निर्वासित कर दिया गया। 2 जनवरी 2016 को पठानकोट में हुए आतंकी हमले में इसकी मुख्य भूमिका थी। शाहिद लतीफ 1999 में इंडियन एयरलाइंस के विमान अपहरण मामले (कंधार केस) में भी आरोपी हैं।
पंजाब के पठानकोट में 2 जनवरी 2016 को बड़ा आतंकी हमला हुआ था। जैश के चार आतंकियों ने पठानकोट एयरफोर्स स्टेशन में घुसकर फायरिंग कर दी थी। इस हमले में 5 जवान शहीद हुए थे। सुरक्षाबलों ने चारों आतंकियों को भी मार गिराया था। जांच में सामने आया कि लतीफ ने ही इन आतंकियों को कमांड दी थी। इसके अलावा सितंबर 2023 में अनंतनाग के कोकरनाग के जंगलों में मुठभेड़ हुई थी। इस हमले में आर्मी के कर्नल और मेजर सहित 4 जवान शहीद हुए थे। इस मुठभेड़ में दो आतंकी भी मारे गए थे। इसका मास्टर माइंड भी शाहिद लतीफ ही था।
शाहिद लतीफ जैश-ए-मोहम्मद में नंबर तीन की हैसियत रखता था। वह सियालकोट से भारत में भेजे जाने वाले जैश के आतंकी दस्तों की कमान, पंजाब और जम्मू में जैश के आत्मघाती दस्तों के हमलों के लिए आतंकियों को चुनने के अलावा पाकिस्तान के पंजाब में जैश के नए आतंकियों की पौध तैयार करने का काम करता था। साल 1999 में जब हरकतुल मुजाहिदीन के आतंकियों ने आईसी-814 विमान को हाईजैक कर कंधार पहुंचाया था तो मौलाना मसूद अजहर के साथ उसकी रिहाई की मांग भी की थी।