Middle East Europe Corridor: इजरायल और हमास के बीच पिछले 5 दिनों से जंग जारी है। हमास के हमले का इजरायल करारा जवाब दे रहा है। इजरायल की ओर से आतंकियों के खात्मे का ऐलान कर दिया गया है। इसके बाद से गाजा पट्टी पर ताबड़तोड़ हमले जारी है। हमास ने इजरायल पर फॉस्फोरस बम के इस्तेमाल करने का भी आरोप लगाया है। इजरायल जिस तरह से हमाल पर हमले कर रहा है कि उससे इस युद्ध के जल्द खत्म होने की संभावना जताई जा रही है। दूसरी तरफ जानकारों को कहना है कि अगर यह युद्ध लंबा चला तो इसका कई प्रोजेक्ट पर असर पड़ सकता है। इससे भारत को भी बड़ा नुकसान हो सकता है।
इजरायल और हमास के बीच जारी जंग में इंडिया-मिडिल ईस्ट इकनॉमिक कॉरिडोर का नाम चर्चा में आ गया है। इस प्रोजेक्ट का नाम जी-20 बैठक के दौरान ऐलान किया गया था। इस योजना में इजराइल भी शामिल है। इस प्रोजेक्ट को चीन के बीआरआई प्रोजेक्ट को टक्कर देने के लिए तैयार किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट के तहत तीन क्षेत्रों के बीच शिपिंग और रेलवे लिंक विकसित करने की योजना का ऐलान हुआ था। अमेरिका, सऊदी अरब और इजरायल के बीच संबंधों को सामान्य बनाने के साथ ही भारत से यूरोप तक एक आर्थिक गलियारा बनाने पर जोर दे रहा है।
इंडिया-मिडिल ईस्ट इकनॉमिक कॉरिडोर के तहत भारत अरब की खाड़ी और यूरोप से जुड़ेगा। दरअसल इसमें दो अलग-अलग प्रोजेक्ट तैयार होंगे। इसमें से एक पूर्वी गलियारा होगा जो भारत को अरब की खाड़ी से जोड़ेगा। इसके साथ ही उत्तरी गलियारा अरब की खाड़ी को यूरोप से जोड़ देगा। एक कॉरिडोर में रेल मार्ग से इन देशों को जोड़ने की योजना है। वहीं इस शिपिंग रूट भी शामिल है।
इजरायल और हमाल के बीच जारी युद्ध को लेकर कई देश आपस में बंट गए हैं। भारत जहां इस जंग में इजरायल के पक्ष में खड़ा है तो वहीं ईरान, सीरिया और कतर हमास की वकालत कर रहे हैं। इसके अलावा अमेरिका, ब्रिटेन और उसके सहयोगी देशों फ्रांस, जर्मनी व इटली ने भी इजरायल का साथ दिया है।