NCP प्रमुख शरद पवार ने बुधवार को कहा कि अगर मणिपुर जैसी घटना होती है तो पार्टी की महिला इकाई को मामला दर्ज होने की चिंता किए बिना सड़कों पर उतरना चाहिए। NCP की महिला इकाई की सदस्यों को संबोधित करते हुए शरद पवार ने कहा कि पैतृक संपत्ति में महिलाओं को हिस्सा देने के उनकी सरकार के फैसले को सही से लागू नहीं किया गया।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, “हमारे पास मणिपुर सबसे बड़ा उदाहरण है, जहां महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाया गया, व्यक्तिगत हमले किए गए और हत्या कर दी गई। अगर ऐसा कुछ होता है NCP की महिला इकाई को सड़क पर उतरना चाहिए। वे आपके खिलाफ मामला दर्ज करेंगे, लेकिन इससे घबराना नहीं चाहिए।”
शरद पवार ने कहा कि महिलाओं को पैतृक संपत्ति में हिस्सा देने के फैसले को उस तरह लागू नहीं किया गया है, जिस तरह से किया जाना चाहिए था। उन्होंने कहा, “जब हम सत्ता में थे तो किसानों के 7/12 (जमीन) दस्तावेज में दोनों (बेटे और बेटी) का नाम होता था। हमने इसे कुछ जगहों पर लागू भी कर दिया था, लेकिन शत प्रतिशत लागू नहीं किया जा सका। हमें इस पर काम करना होगा और सरकार से भी आग्रह करना होगा।”
उन्होंने 1993 से 1995 के बीच महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री रहते हुए यह निर्णय लिया था। उन्होंने कहा कि जब वह रक्षा मंत्री थे तो उन्होंने सेना की अनिच्छा के बावजूद सशस्त्र बलों की तीनों इकाइयों में महिलाओं को 11 फीसदी आरक्षण देने का फैसला लिया। शिवसेना-भाजपा-राकांपा (अजित पवार) गठबंधन सरकार पर निशाना साधते हुए पवार ने कहा कि जनवरी से मई के बीच राज्य में 19 हजार से अधिक महिलाओं के लापता होने की खबर है।
महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री और शरद पवार के भरोसेमंद अनिल देशमुख ने राज्य विधानमंडल के मानसून सत्र के दौरान इस संबंध में सवाल उठाया था। शरद पवार ने यह भी कहा कि सरकारी नौकरियां उपलब्ध हैं, लेकिन रिक्तियों को भरा नहीं जा रहा। उन्होंने कहा, “सरकार का लक्ष्य अनुबंध के आधार पर कार्यबल की नियुक्ति करना है, जिससे आरक्षण के तहत रोजगार के पात्र गरीब लोग वंचित हो जाएंगे।” (भाषा)