इजरायल पर जब से हमास ने हमला किया है, उसके बाद से पूरी दुनिया हैरत में पड़ गई है। इजरायल की इंटेलीजेंस एजेंसी मोसाद दुनिया में सबसे ताकतवर मानी जाती है, लेकिन हमास के इस बड़े हमले को वह भी भांप नहीं पाई। वहीं इस हमले के बारे में जानकारी देने में अमेरिकी इंटेलिजेंस एजेंसी सीआईए भी असफल रही है।
इजरायल पर हुए हमले की तुलना 9/11 हमले से की जा रही है। जब इजरायल के दक्षिणी बॉर्डर पर हमास आतंकियों ने घुसपैठ की और रॉकेट से हमले किए तो इजरायल सरकार को इसकी जरा सी भी जानकारी नहीं थी। दरअसल इजरायल पर जमीन, हवा और समुद्र तीनों तरफ से हमला हुआ। हमले के बाद इजरायल सतर्क हुआ और वह जवाबी कार्रवाई कर रहा है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल इजरायल की इंटेलिजेंस एजेंसी मोसाद पर उठ रहा है।
इजरायल 1973 में अरब देशों से हुए युद्ध की जीत का जश्न मना रहा था। दरअसल इस युद्ध के 50 साल पूरे हो गए और इस दौरान ही उसपर हमला हुआ। 1973 के बाद से ही इजराइल में इंटेलिजेंस फेल्योर कभी नहीं हुआ। सीआईए के कई वरिष्ठ अधिकारी भी हैरान है कि आखिर मोसाद से इतनी बड़ी चूक कैसे हो गई। अमेरिका के अधिकारियों का कहना है कि इसमें पूरी गलती इजराइल की ही है। वहीं उनका यह भी कहना है कि अगर मोसाद के पास कोई जानकारी थी, तो उन्होंने अमेरिका के साथ क्यों नहीं साझा किया?
वहीं इजरायल के इंटेलिजेंस अधिकारी भी अजीब दावे कर रहे हैं। मोसाद के अधिकारियों का दावा था कि हमास उनके साथ कभी युद्ध नहीं लड़ सकता। कुछ दिन पहले ही इजराइल में सिक्योरिटी रिव्यू मीट हुई थी और इस दौरान अधिकारियों की ओर से दावा किया गया था कि हमास युद्ध से बच रहा है। लेकिन अब जब हमला हो गया तब अधिकारी यह कह रहे हैं कि उसके मित्र देशों (जॉर्डन, मिस्त्र, सऊदी, कतर, अमेरिका) की खुफिया एजेंसियों ने भी हमले के बारे में अनुमान क्यों नहीं लगाया?
इसराइल और हमास के बीच चल रहे युद्ध में अब तक 1100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। 700 से अधिक लोग इजरायल की ओर के मारे गए हैं, जबकि 400 से अधिक लोग फिलिस्तीन के मारे गए हैं। हमास और इजरायल के बीच युद्ध अभी भी जारी है। इजराइल लगातार रॉकेट से हमास के ठिकानों को ध्वस्त कर रहा है।