मनरेगा के बकाए को लेकर पश्चिम बंगाल के राजभवन के सामने चल रहा टीएमसी का धरना खत्म हो गया है। टीएमसी नेताओं ने राज्यपाल से मीटिंग के बाद धरने को खत्म करने का फैसला किया। पार्टी महासचिव अभिषेक बनर्जी का कहना है कि केंद्र को 31 अक्टूबर तक का अल्टीमेटम दिया गया है। अगर उनकी मांग नहीं मानी गई तो वो फिर से धरने पर बैठ जाएंगे।
तृणमूल कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को यहां राजभवन में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस से मुलाकात की। उनसे अनुरोध किया कि मनरेगा कार्ड धारकों की मजदूरी की समस्या को सुलझाकर वो अपना दायित्व निभाए। इस मुद्दे पर स्पष्टीकरण के लिए केंद्र को पत्र लिखें। पार्टी का कहना है कि ने बताया कि राज्यपाल बोस ने तृणमूल महासचिव अभिषेक बनर्जी के नेतृत्व में मुलाकात के लिए आए पार्टी के प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि वह राज्य की बकाया मनरेगा राशि के मुद्दे को केंद्र के साथ उठाएंगे।
राज्यपाल ने तृणमूल कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल से कहा कि वह बंगाल की जनता के कल्याण के लिए जो भी जरूरी होगा, वह करेंगे। यह मुलाकात करीब 20 मिनट चली। पार्टी ने कहा कि बोस को राज्यपाल के रूप में राज्य तथा उसकी जनता दोनों के हितों की सुरक्षा करनी चाहिए। तृणमूल कांग्रेस ने ज्ञापन में कहा कि इस राज्य के राज्यपाल के रूप में राज्य और इसके लोगों दोनों के हितों की रक्षा के लिए हम आपसे अपेक्षा रखते हैं। पिछले दो वर्षों में केंद्र से बकाया धन की वसूली के लिए उसके सभी स्तरों तक पहुंचने के हमारे निरंतर प्रयासों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
गौरतलब है कि मनरेगा की बकाया राशि के मसले पर तृणमूल नेताओं ने दिल्ली में राजघाट पर आकर धरना भी दिया था। उसके बाद पार्टी ने कलकत्ता में स्थित राजभवन के सामने डेरा जमा दिया था। ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी धरने की अगुवाई कर रहे थे।