मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस पार्टी ने अपने उम्मीदवारों के नाम तय करने को लेकर शनिवार की रात दिल्ली में मंथन किया। सूत्रों के मुताबिक पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति (CEC) की बैठक में कुल 103 उम्मीदवारों के बारे में फैसला किया गया है। हालांकि इनके नामों को जानने के लिए संभावित उम्मीदवारों और उनके समर्थकों को कुछ दिन और इंतजार करने पड़ेंगे।
मीडिया सूत्रों का कहना है कि पितृपक्ष के चलते पार्टी नामों को सार्वजनिक नहीं कर रही है। पितृपक्ष खत्म होते ही इनके नामों की पहली लिस्ट का ऐलान कर दिया जाएगा। पार्टी ने यह भी तय किया है कि मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में जातिगत जनगणना उसका मुख्य एजेंडा होगा। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की अध्यक्षता में हुई सीईसी की बैठक में पार्टी संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी, पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, सीईसी के अन्य सदस्य, पार्टी महासचिव एवं मध्य प्रदेश प्रभारी रणदीप सुरजेवाला, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ और कई अन्य नेता शामिल हुए।
बैठक के बाद सुरजेवाला ने संवाददाताओं से कहा कि सीईसी की बैठक में मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार के ‘भ्रष्टाचार’, कानून व्यवस्था की स्थिति और महिला विरोधी अपराधों’ को लेकर चर्चा की गई। उन्होंने दावा किया, ‘‘मध्य प्रदेश में परिवर्तन की बयार बह रही है। इसलिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम और काम का उल्लेख नहीं करते।’’
सुरजेवाला ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘जातिगत जनगणना मध्य प्रदेश में कांग्रेस का एक महत्वपूर्ण एजेंडा है। ओबीसी, एससी, एसटी भाइयों-बहनों को न्याय मिले, यह हमारा मुख्य एजेंडा है। बैठक में कमलनाथ और मध्य प्रदेश कांग्रेस के अन्य साथियों ने बताया कि जातिगत जनगणना कांग्रेस का प्राथमिक एजेंडा रहेगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मध्य प्रदेश में 230 सीट हैं। एक बार हर सीट की राजनीतिक स्थिति पर चर्चा होती है। लगभग सभी सीट के बारे में चर्चा हुई…हम जल्द बैठक करेंगे और फिर नामों को अंतिम रूप देना शुरू करेंगे।’’
मुख्यमंत्री पद के लिये चेहरे के बारे में पूछे जाने पर सुरजेवाला ने कहा, ‘‘कमलनाथ जी प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष हैं। जो भी प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष होता है, वह स्वाभाविक रूप से कांग्रेस का चेहरा होता है।’’ कमलनाथ के बारे में चर्चा है कि वह अपनी परंपरागत सीट छिंदवाड़ा से मैदान में उतर सकते हैं।