भारतीय वायु सेना आज अपना 91वां स्थापना दिवस माना रही है। इस मौके पर भारतीय वायु सेना में बड़ा बदलाव हुआ है। वायु सेना का आज से अपना झंडा बदल गया है। एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने रविवार को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में नए झंडे का अनावरण किया। नया ध्वज सात दशक पहले अपनाए गए पुराने ध्वज की जगह लेगा।
वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने रविवार को प्रयागराज में वार्षिक वायु सेना दिवस परेड के दौरान भारतीय वायु सेना के नये ध्वज का अनावरण किया। नौसेना द्वारा अपने औपनिवेशिक अतीत को छोड़कर ध्वज में बदलाव करने के एक साल से अधिक समय बाद वायु सेना ने यह कदम उठाया। रक्षा विभाग के जनसंपर्क अधिकारी ग्रुप कैप्टन समीर गंगाखेडकर ने बताया कि वायु सेना दिवस के अवसर पर परेड के दौरान वायु सेना प्रमुख वीआर चौधरी ने नये वायुसेना ध्वज का अनावरण किया।
VIDEO | New Indian Air Force ensign unveiled by Indian Air Force (IAF) Chief Air Chief Marshal VR Chaudhari during the 91st anniversary day celebrations of Indian Air Force (IAF) in Prayagraj, Uttar Pradesh. pic.twitter.com/6yG5ffqv8p
इस साल वायु सेना अपनी स्थापना के 91वें वर्ष पूरी कर रही है। इस दौरान प्रयागराज में एयर शो का भव्य आयोजन किया जा रहा है। इसमें चिनूक, चेतक, जगुआर, अपाचे और राफेल समेत कई विमान आपनी ताकत का प्रदर्शन करेंगे। वायुसेना ने कहा, ‘‘आठ अक्टूबर भारतीय वायु सेना के इतिहास में एक महत्वपूर्ण दिन के रूप में दर्ज किया जाएगा। इस ऐतिहासिक दिन पर वायु सेना प्रमुख ने वायु सेना के नये ध्वज का अनावरण किया।’’ नये ध्वज में सबसे ऊपर दाएं कोने में भारतीय वायु सेना का चिह्न होगा।
आधिकारिक तौर पर आठ अक्टूबर 1932 को भारतीय वायुसेना की स्थापना की गई थी। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान इसकी पेशेवर कुशलता और उपलब्धियों को देखते हुए मार्च 1945 में बल को ‘रॉयल’ उपसर्ग से सम्मानित किया गया था और यह रॉयल इंडियन एयर फोर्स (RIAF) बन गई थी। साल 1950 में, भारत के गणतंत्र बनने के बाद वायुसेना ने अपना ‘रॉयल’ उपसर्ग हटा दिया था और ध्वज में संशोधन किया था।
पीआईबी द्वारा जारी विज्ञप्ति के मुताबिक, ‘‘इतिहास में मुड़कर देखें तो रॉयल इंडियन एयर फोर्स के ध्वज में ऊपरी बाएं कैंटन में यूनियन जैक और फ्लाई साइड (बाहरी हिस्से) पर आरआईएएफ राउंडेल (लाल, सफेद और नीला) शामिल था। स्वतंत्रता के बाद, निचले दाएं कैंटन में यूनियन जैक को भारतीय तिरंगे और आरएएफ राउंडल्स को आईएएफ ट्राई कलर राउंडेल के साथ बदल कर भारतीय वायु सेना का ध्वज बनाया गया था।’’ कैंटन एक आयताकार प्रतीक होता है, जो झंडे के ऊपर बाईं ओर बनाया जाता है और आमतौर पर झंडे के एक-चौथाई हिस्से में होता है। किसी झंडे का कैंटन अपने आप में एक झंडा हो सकता है।
विज्ञप्ति के मुताबिक, अब ध्वज के ऊपरी दाएं कोने में फ्लाई साइड की ओर वायु सेना क्रेस्ट के शीर्ष पर राष्ट्रीय प्रतीक अशोक चिह्न और उसके नीचे देवनागरी में ‘सत्यमेव जयते’ शब्द लिखा है। अशोक चिह्न के नीचे एक हिमालयी गरुड़ है, जिसके पंख फैले हुए हैं और यह भारतीय वायुसेना के युद्ध कौशल को दर्शाता है। हल्के नीले रंग का एक वलय हिमालयी गरुड़ को घेरे हुए है, जिस पर ‘भारतीय वायु सेना’ लिखा है। भारतीय वायु सेना का आदर्श वाक्य ‘नभः स्पृशं दीप्तम्’ हिमालयी गरुड़ के नीचे देवनागरी में सुनहरे अक्षरों में अंकित है, जिसे भगवद गीता के अध्याय 11 के श्लोक 24 से लिया गया है और इसका अर्थ है ‘वैभव के साथ आकाश को छूना।’