पश्चिमी अफगानिस्तान में आए शक्तिशाली भूकंप में मरने वाले लोगों की संख्या 2,000 के पार पहुंच गई है। तालिबान के एक प्रवक्ता ने बताया कि 465 मकान ध्वस्त हो गए हैं और 135 क्षतिग्रस्त हो गए हैं। पश्चिमी अफगानिस्तान में शनिवार को आये भूकंप में कई घायल हैं। माना जा रहा है कि मृतकों की संख्या अभी बढ़ सकती है।
संयुक्त राष्ट्र ने कहा, ‘‘कुछ लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका की खबरों के बीच तलाशी और बचाव अभियान जारी है। स्थानीय प्राधिकारियों ने मृतकों की संख्या बढ़ने का अनुमान जताया है।’’ आपदा प्राधिकरण के प्रवक्ता मोहम्मद अब्दुल्ला जन ने बताया कि भूकंप और उसके बाद आए झटकों का सबसे ज्यादा असर हेरात प्रांत के जेंदा जन जिले के चार गांवों पर पड़ा है। अमेरिकी भूगर्भीय सर्वेक्षण ने बताया कि भूकंप का केंद्र हेरात शहर से करीब 40 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में था। इसके बाद शनिवार को ही लगातार 6.3, 5.9 और 5.5 तीव्रता के तीन भूकंप के झटके भी महसूस किए गए।
आपदा मंत्रालय के प्रवक्ता मुल्ला जनान सईक ने रॉयटर्स को बताया कि 2,053 लोग मारे गए, 9,240 घायल हुए और 1,329 घर क्षतिग्रस्त या नष्ट हो गए। हेरात स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने रॉयटर्स को बताया कि 200 से अधिक मृतकों को अलग-अलग अस्पतालों में लाया गया था और उनमें से ज्यादातर महिलाएं और बच्चे थे। दानिश ने कहा, ”शवों को सैन्य ठिकानों, अस्पतालों और कई जगहों पर ले जाया गया है।”
अफगानिस्तान निवासी नसीमा ने शनिवार को कहा कि भूकंप से हेरात में दहशत फैल गई। उन्होंने बताया कि लोगों ने अपने घर छोड़ दिए, हम सभी सड़कों पर हैं। उन्होंने कहा कि शहर में लगातार झटके महसूस हो रहे हैं। शनिवार को आए 6.3 तीव्रता के भूकंप के बाद आठ तीव्र झटके आए। सरकारी प्रवक्ता बिलाल करीमी ने रविवार सुबह कहा, “दुर्भाग्य से, हताहतों की संख्या व्यावहारिक रूप से बहुत अधिक है।” WHO ने शनिवार देर रात कहा था कि घायलों और मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है क्योंकि खोज और बचाव अभियान जारी है।
डब्ल्यूएचओ ने बताया कि उसने घायलों को अस्पताल पहुंचाने के लिए 12 एम्बुलेंस जेंदा जन भेजी हैं। संयुक्त राष्ट्र एजेंसी ने ‘X’ पर लिखा, ‘‘भूकंप से लोगों की जान जाने और उनके घायल होने की लगातार आती खबरों के बीच अस्पतालों में टीम घायलों के इलाज में मदद कर रही है और आवश्यकताओं का आकलन कर रही है। WHO से जुड़ी एम्बुलेंस पीड़ितों को अस्पताल पहुंचा रही हैं, जिनमें अधिकांश महिलाएं और बच्चे शामिल हैं।’’ हेरात में टेलीफोन संपर्क टूट गया है, जिससे प्रभावित इलाकों की जानकारियां हासिल करना मुश्किल हो गया है।