इजरायल और फिलिस्तीन एक बार फिर आमने-सामने हैं। शनिवार सुबह गाजा से इजरायल पर हजारों रॉकेट दागे गए और फिलिस्तीनी सैनिक इजरायल के एक हिस्से में घुस गए। इजरायल की राष्ट्रीय बचाव सेवा ने कहा कि कम से कम 22 लोग मारे गए हैं और सैकड़ों घायल हुए हैं। यह इस संघर्ष में अब तक का सबसे घातक हमला कहा जा रहा है।
इजरायल-फिलिस्तीनी संघर्ष बहुत पुराना है और पिछले कुछ महीनों से एक बार फिर तनाव के हालात बने हुए थे। फिलिस्तीन समूह हमास ने इजरायल पर रॉकेट हमले की जिम्मेदारी लेते हुए कहा कि 5,000 से अधिक रॉकेट लॉन्च किए गए थे। इजरायल सेना ने कहा कि हमास ने बड़े पैमाने पर रॉकेट दागे हैं जबकि कई अलग-अलग स्थानों पर इजरायली क्षेत्र में घुसपैठ की गई है। इजरायल ने इसे युद्ध करार दिया है और कहा है कि हमें इसे जीत लेंगे।
इजरायल और फिलिस्तीन के बीच संघर्ष काफी पुराना है। यह टाइमलाइन गाजा पट्टी से इजरायल की 2005 की वापसी के साथ शुरू होती है। फिलिस्तीन हमेशा कहता रहा है कि इजरायल का बनना एक धोखा है, यह फिलिस्तीन की जमीन पर जबरन कब्जा है। 2005 में अगस्त में मध्य पूर्व युद्ध में मिस्र से कब्जा करने के 38 साल बाद इजरायली सेनाएं एकतरफा रूप से गाजा से हट गईं और इलाके को फिलिस्तीनी सेना के अधिकार में छोड़ दिया गया था। 25 जनवरी, 2006 को फिलिस्तीनी विधायी चुनाव में हमास ने सबसे ज़्यादा सीटें जीतीं। हमास एक फिलिस्तीन का एक ऐसा ग्रुप था जिसने मुल्क की आजादी की लड़ाई की बात कही थी। हमास ने इजरायल के वजूद को भी पूरी तरह नकार दिया था।
मामला तब ज़्यादा बढ़ा जब 25 जून 2006 को हमास के ने गाजा से सीमा पार हमले में इजरायली सेना के सिपाही गिलाद शालित को पकड़ लिया था पांच साल से अधिक समय के बाद आखिरकार शालित को कैदी की अदला-बदली में रिहा कर दिया गया।
14 जून 2007 को हमास ने एक छोटे गृह युद्ध में गाजा पर कब्ज़ा कर लिया, और वेस्ट बैंक में मौजूद फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास के प्रति वफादार फतह बलों को बाहर कर दिया। 27 दिसंबर, 2008 को फ़िलिस्तीन द्वारा दक्षिणी इजरायली शहर सेडरोट पर रॉकेट दागे जाने के बाद इजरायल ने गाजा में 22 दिवसीय सैन्य आक्रमण शुरू किया। युद्धविराम पर सहमति बनने से पहले लगभग 1,400 फ़िलिस्तीनियों और 13 इजरायली नागरिक मारे गए। 14 नवंबर, 2012 को इजराइल ने हमास के सैन्य प्रमुख अहमद जाबरी को मार डाला। जिसके बाद तनाव काफी बढ़ा।
जुलाई-अगस्त 2014 हमास द्वारा तीन इजरायली युवकों के अपहरण और हत्या के कारण सात सप्ताह का युद्ध हुआ, जिसमें गाजा में 2,100 से अधिक फिलिस्तीनियों के मारे जाने की खबर सामने आई और 73 इजरायलियों के मारे गए। मार्च 2018 में इजराइल के साथ गाजा की बाड़ वाली सीमा पर फिलिस्तीनी विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ। प्रदर्शनकारियों को पीछे रखने के लिए इजरायली सैनिकों ने गोलीबारी की। कई महीनों के विरोध प्रदर्शन में 170 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए।
मई 2021 में रमज़ान के महीने के दौरान हफ्तों के तनाव के बाद इस्लाम के तीसरे सबसे पवित्र स्थल यरूशलेम में अल अक्सा परिसर में इजरायली सुरक्षा बलों के साथ झड़प में सैकड़ों फिलिस्तीनी घायल हो गए। इज़राइल द्वारा परिसर से सुरक्षा बलों को हटाने की मांग के बाद हमास ने गाजा से इज़राइल पर रॉकेटों की बौछार कर दी। इजराइल ने जवाबी कार्रवाई करते हुए गाजा पर हवाई हमला किया। लड़ाई 11 दिनों तक चली, जिसमें गाजा में कम से कम 250 लोग और इज़राइल में 13 लोग मारे गए। अगस्त 2022 इजरायली हवाई हमलों में एक वरिष्ठ इस्लामिक जिहाद कमांडर पर हमला होने से शुरू हुई तीन दिनों की हिंसा में 15 बच्चों सहित कम से कम 44 लोग मारे गए। दोनों के बीच जनवरी 2023 में भी तनाव बढ़ा था।