सिक्किम में मंगलवार की देर रात आई बाढ़ में मरने वालों की संख्या 18 हो चुकी है। करीब 100 लोग अब भी लापता हैं। काफी संख्या में लोग अब भी फंसे हुए हैं। राहत और बचाव कार्य जारी है। राज्य के मुख्य सचिव विजय भूषण ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “लाचेन और लाचुंग में करीब तीन हजार लोग फंसे हुए हैं। आठ सौ ड्राइवर भी फंसे हैं।” उन्होंने बताया कि मोटरसाइकिलों से वहां गये 3150 लोग भी फंसे हुए हैं। फिलहाल सेना और वायु सेना के हेलीकॉप्टरों से उनको निकालने की कोशिश की जा रही है।
सिक्किम में बुधवार को तीस्ता नदी के उफान पर आने से यह विपदा आई। इसके अलावा बादल फटने से राज्य के उत्तर-पश्चिम में हिमनद दक्षिण शौनक झील टूट गई। सिक्किम के आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) के अनुसार, तीस्ता ने राज्य के कम से कम चार जिलों में बाढ़ ला दी है।
पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल सरकार ने एक बयान में कहा कि 18 शवों में से चार की पहचान ‘जवानों’ के रूप में की गई है। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि क्या वे लापता 22 जवानों में से चार के शव हैं। अधिकारियों ने बताया कि घायल हुए 26 लोग सिक्किम के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती हैं। सिक्किम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SSDMA) ने एक बुलेटिन में बताया कि आपदा के बाद से अब तक 2,011 लोगों को बचाया गया है, जबकि 22,034 लोग इससे प्रभावित हुए हैं।
अधिकारियों ने कहा कि उन्हें सेना की 27वीं माउंटेन डिवीजन के अधिकारियों ने सूचित किया कि उत्तरी सिक्किम में लाचेन, लाचुंग और आसपास के क्षेत्रों में फंसे पर्यटक सुरक्षित हैं। अनुमान के मुताबिक, विदेशी नागरिकों सहित 3,000 से अधिक पर्यटक सिक्किम के विभिन्न हिस्सों में फंसे हुए हैं। उन्होंने कहा कि सेना ने अपनी दूरसंचार सेवा सक्रिय की और कई पर्यटकों को उनके चिंतित परिवार के सदस्यों से बात करायी। उन्होंने कहा कि फंसे हुए पर्यटकों को निकालना प्राथमिकता है और उन्हें मंगन तक हवाई मार्ग से ले जाने का निर्णय लिया गया है, जहां से उन्हें सड़क मार्ग से सिक्किम लाया जाएगा।
बुधवार की रात बाढ़ से शहर को भारी नुकसान हुआ। बिजली, सड़क और पेयजल आपूर्ति व्यवस्था टूट गई। कई पुल टूट गये। शुरुआती रिपोर्ट में बताया गया है कि चुंगथांग बांध से पानी छोड़े जाने के कारण यह आपदा आई। आपदा प्रबंधन अधिकारी मंगलवार को नेपाल में आए भूकंप से भी इस घटना के शुरू होने की आशंका की भी जांच कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि भारतीय वायुसेना और सेना के हेलीकॉप्टर लाचेन, लाचुंग और चुंगथांग के लिए उड़ान भरने के लिए तैयार थे, लेकिन खराब मौसम के कारण ऐसा नहीं कर सके। उत्तरी सिक्किम में स्थानीय लोगों को निकालने की प्रक्रिया शुरू करने के लिए एनडीआरएफ की प्लाटून भी तैयार हैं।