जम्मू कश्मीर के राजौरी जिले में गुरुवार को एक सैन्य शिविर में एक अधिकारी के गोलीबारी करने और ग्रेनेड विस्फोट करने से तीन अधिकारियों सहित कम से कम पांच सैन्यकर्मी घायल हो गए। आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, मेजर रैंक के एक अधिकारी ने गोलीबारी अभ्यास सत्र के दौरान बिना किसी उकसावे के अपने सहयोगियों पर गोलियां चला दीं और फिर यूनिट के शस्त्रागार में छिप गया। जब वरिष्ठ अधिकारी उसे उसे आत्मसमर्पण के लिए समझाने के लिए पास गए तो उसने उन पर हैंड ग्रेनेड फेंके। घटना जिले के थानामंडी के पास नीली चौकी पर हुई।
सूत्रों के मुताबिक अधिकारी पर लगभग आठ घंटे के बाद उस पर काबू पाया गया। उन्होंने बताया कि सेना ने एहतियात के तौर पर शस्त्रागार के नजदीक के एक गांव को खाली करा लिया। हालांकि, सेना ने दावा किया कि राजौरी में एक चौकी पर ग्रेनेड दुर्घटना में एक अधिकारी घायल हो गया। सेना की व्हाइट नाइट कोर ने सोशल मीडिया मंच ‘X’ (ट्विटर) पर पोस्ट किया, “पांच अक्टूबर 23 को राजौरी सेक्टर में एक चौकी पर संभावित ग्रेनेड दुर्घटना में एक अधिकारी घायल हो गया। अधिकारी को वहां से निकाला गया और प्रारंभिक उपचार के बाद उसकी हालत स्थिर है। घटना की आगे की जांच जारी है।’’
सूत्रों ने बताया कि शिविर में पिछले कई दिनों से गोलीबारी का अभ्यास चल रहा था और आरोपी अधिकारी ने बृहस्पतिवार को बिना किसी उकसावे के अपने सहयोगियों और जूनियर्स पर गोलीबारी शुरू कर दी। सूत्रों ने बताया कि बाद में, उसने शिविर के शस्त्रागार के अंदर शरण ले ली और जब कमांडिंग ऑफिसर, अपने डिप्टी और मेडिकल ऑफिसर के साथ उसे आत्मसमर्पण करने के लिए मनाने के लिए पहुंचे, तो उसने ग्रेनेड फेंके। उन्होंने बताया कि आरोपी द्वारा फेंका गया ग्रेनेड उनके पास फट जाने से तीनों अधिकारी घायल हो गए।
सूत्रों ने बताया कि यूनिट के सेकेंड-इन-कमांड की हालत गंभीर बताई गई है। सूत्रों के मुताबिक, रात करीब 11 बजे पकड़े गए आरोपी की अंधाधुंध गोलीबारी में दो अन्य सैनिक भी घायल हो गए। घटना पर जम्मू स्थित रक्षा पीआरओ लेफ्टिनेंट कर्नल सुनील बर्तवाल ने एक संदेश में कहा, “मुझे जनरल एरिया राजौरी में सेना शिविर पर कुछ गोलीबारी/आतंकवादी हमले के बारे में फोन आया है। मैं आपको सूचित करना चाहता हूं कि कोई आतंकवादी हमला नहीं हुआ है। यह शिविर की एक दुर्भाग्यपूर्ण आंतरिक घटना है।’’
गोली चलाने वाला अधिकारी राजौरी सेक्टर के थानामंडी में राष्ट्रीय राइफल्स यूनिट में तैनात एक मेजर था, जिसे गोला बारूद डिपो के पास से कई घंटों तक अंधाधुंध गोलीबारी करने के बाद गुरुवार रात को काबू कर लिया गया। यह आरोप लगाया गया कि 10 साल से अधिक के सेवा रिकॉर्ड वाले अधिकारी ने उसे आत्मसमर्पण करने के लिए मनाने की कोशिश करने वालों पर ग्रेनेड भी फेंका। हालांकि घटना के कारणों का पता नहीं चला है, लेकिन सूत्रों ने कहा कि अधिकारी व्यक्तिगत मुद्दों का सामना कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यूनिट में सेना के जवानों के हथियारों तक उसकी पहुंच थी। अधिकारियों ने बताया कि घटना का सही कारण जांच के बाद पता चलेगा।