CJI डी वाई चंद्रचूड़ ने सुनने में असमर्थ वकीलों, वादकारियों को न्यायिक कार्यवाही को समझने में मदद करने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा सांकेतिक भाषा दुभाषिया (Sign-Language Interpreter) की नियुक्ति की घोषणा की। ऐतिहासिक रूप से सुप्रीम कोर्ट ने कभी भी अपने खर्च पर इंटरप्रेटर नियुक्त नहीं किया है।
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ ने न्यायिक कार्यवाही को समझने में सुनने में असमर्थ वकीलों और वादियों की मदद करने के लिए शुक्रवार को साइन लैंग्वेज इंटरप्रेटर की नियुक्ति की घोषणा की। CJI ने कार्यवाही के आरंभ में कहा, ‘‘आज हमारे पास एक दुभाषिया हैं जिनकी नियुक्ति उच्चतम न्यायालय ने की है।’’ यह एक ऐतिहासिक क्षण है। चीफ जस्टिस ने कहा कि वह संवैधानिक पीठ की सुनवाई के लिए सांकेतिक-भाषा दुभाषिया चाहते थे।
प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ ने 22 सितंबर को दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकारों से संबंधित एक मामले में सुनने में असमर्थ वकील सारा सन्नी सारा सनी की दलीलों को साइन लैंग्वेज इंटरप्रेटर सौरव राय चौधरी की मदद से सुना। वकील और बार संस्थाओं ने इस बात की सराहना की कि सुप्रीम कोर्ट ने साइन लैंग्वेज इंटरप्रेटर के जरिए एक सुनने में असक्षम वकील को मामले की सुनवाई की अनुमति दी। इंटरप्रेटर को एडवोकेट साराह सन्नी के साथ वर्चुअल सुनवाई विंडो में देखा गया।
CJI चंद्रचूड़ दिव्यांग लोगों की न्याय आपूर्ति प्रणाली तक पहुंच बनाने की दिशा में संवेदनशील रहे हैं। उन्होंने दिव्यांग लोगों तक इसकी पहुंच सुनिश्चित करने और न्यायिक कार्यवाही को समझने में उन्हें आने वाली मुश्किलों को दूर करने के लिए पिछले साल इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट की एक कमेटी भी गठित की थी। दिव्यांग लोगों तक न्यायिक कार्यवाही की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए अदालत परिसर में कई बुनियादी ढांचा बदलाव किए गए हैं।
सारा ने पहले सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री के समक्ष आवेदन दायर कर अदालत द्वारा नियुक्त साइन लैंग्वेज इंटरप्रेटर से उसकी सहायता करने का अनुरोध किया था। यह आवेदन एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड संचिता ऐन द्वारा दायर किया गया, जो पेशे में सन्नी की सीनियर हैं। इससे पहले सनी के लिए सीजेआई की पीठ के समक्ष कानूनी कार्यवाही का अनुवाद करने के लिए इंटरप्रेटर सौरव रॉयचौधरी की उपस्थिति की व्यवस्था की थी। सुनवाई के दौरान स्क्रीन पर वकील सारा भी दिखाई दे रही थीं। सुनवाई के अंत में CJI ने उनसे कहा कि उन्हें खुद भी जिरह करने की कोशिश करनी चाहिए।