सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को दिल्ली एक्साइज पॉलिसी केस की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ED) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) से पूछा कि उसने अपराध की आय प्राप्त करने वाले राजनीतिक दल को आरोपी क्यों नहीं बनाया। दो न्यायाधीशों वाली पीठ की अध्यक्षता कर रहे न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ने दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्रीय जांच एजेंसियों से यह सवाल पूछा।
दो जजों की बेंच ने कहा, “जहां तक PMLA (धन शोधन निवारण अधिनियम) का सवाल है, आपका पूरा मामला यह है कि यह पैसा एक राजनीतिक दल के पास गया। वह राजनीतिक दल अभी भी आरोपी नहीं है। आप इसका जवाब कैसे देंगे? आप नेता सिसोदिया को 26 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था। पीठ में जस्टिस एसवीएन भट्टी भी शामिल थे। उन्होंने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू से भी सवाल पूछा किए जो दोनों एजेंसियों की ओर से पेश हुए थे। एएसजी ने कहा कि वह इस सवाल का जवाब तब देंगे जब अदालत गुरुवार को मामले की सुनवाई करेगी।
शीर्ष अदालत ने एएसजी से कैबिनेट नोट्स के संबंध में स्थिति स्पष्ट करने को भी कहा और यह भी पूछा कि क्या अदालत उनकी जांच कर सकती है। जस्टिस खन्ना ने एसवी राजू से कहा, “मेरा मानना है कि संविधान पीठ के फैसले हमें कैबिनेट नोट्स की जांच करने से रोकते हैं। मुझे नहीं पता कि यह दिल्ली पर लागू होता है या नहीं, क्योंकि यह एक केंद्र शासित प्रदेश है।” कोर्ट ने कहा कि कहा जा रहा है कि एक राजनीतिक दल इसका लाभार्थी था, लेकिन एक भी आरोपी या पक्षकार नहीं बनाया गया है।
मनीष सिसोदिया की ओर से पेश वरिष्ठ वकील ए एम सिंघवी ने कहा कि एजेंसियां सिसोदिया को सह-आरोपी विजय नायर के साथ जोड़ने की कोशिश करने के लिए अस्पष्ट बयानों पर भरोसा कर रही थीं, लेकिन उनके खिलाफ कोई विशेष आरोप नहीं है और कोई पैसे का लेन-देन भी नहीं है। सिसोदिया की याचिका पर गुरुवार को भी सुनवाई जारी रहेगी। सुनवाई के दौरान अभिषेक मनु सिंघवी ने मनीष सिसोदिया को तरफ से सभी आरोपियों की सूची गिनाते हुए कहा कि शरत कुमार, दिनेश अरोड़ा और राघव मगुंटा सरकारी गवाह बन चुके हैं। सबको जमानत मिल चुकी है, सिर्फ आप नेता ही अब तक जमानत से वंचित हैं।
सिसोदिया की ओर से दलीलें पेश करते हुए अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि वह जमानत मिलने की सभी शर्तों को पूरा करते हैं। उनके भागने का कोई जोखिम नहीं है और ना ही वह किसी गवाह को धमकाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि एक्साइज पॉलिसी किसी एक मंत्री के फैसले का नतीजा नहीं था बल्कि संस्थागत निर्णय था।
शराब घोटाले में लगे आरोपों की वजह से पिछले कई महीनों से जेल में बंद दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने हाई कोर्ट के उस आदेश को सर्वोच्च अदालत में चुनौती दी है, जिसमें उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया था। सिसोदिया के खिलाफ सीबीआई और ईडी ने केस दर्ज किया है और दोनों ही मामलों में उन्हें निचली अदालतों से निराशा हाथ लगी है।